Ram Navami 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. इस शुभ तिथि को भक्त रामनवमी के रूप में मनाते हैं.
Ram Navami 2025: रामनवमी भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. ये विशेष रूप से भारतीय समाज में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
Chaitra Navratri 2025: कात्यायनी देवी को निर्भीकता और साहस की देवी माना जाता है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, कात्यायनी देवी का नाम कात्यायन ऋषि की पुत्री होने के कारण कात्यायनी पड़ा. कात्यायनी देवी को दुर्गा माता का छठवां अवतार माना जाता है.
Chaitra Navratri 2025: धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, मां कुष्मांडा की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अगर आपके किसी भी काम में कोई भी बाधा आ रही हो तो मां कुष्मांडा की पूजा करने से वो दूर हो जाती है.
Chaitra Navratri 2025: मां चंद्रघंटा का रूप अत्यंत शांत, सौम्य और ममतामयी है. ये अपनी भक्तों पर दया बरसाती हैं. जो भी भक्त मां चंद्रघंटा की शरण में जाता है सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक, मां चंद्रघंटा की पूजा से न केवल भौतिक सुख में वृद्धि होती है, बल्कि समाज में आपका प्रभाव भी बढ़ता है.
मध्य प्रदेश के मैहर जिले में स्थित 51 शक्ति पीठ में से एक मैहर की ‘मां शारदा शक्ति पीठ’ के बारे में जो हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. जहां मान्यता है कि अमरता का वरदान प्राप्त आल्हा और ऊदल आज भी सबसे पहले माता की पूजा करने आते है.
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि पर जानिए छत्तीसगढ़ में 3000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद मां महिषासुर मर्दिनी के अनोखे मंदिर के बारे में-
Chaitra Navratri 2025: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना से परिवार में सुख शांति और समृद्धि आई है. इस दिन विधि विधान से मां के दर्शन कर पूजा अर्चना करनी चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं.
Chaitra Navratri 2025: आज चैत्र नवरात्र का पहला दिन है. चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है. वहीं पहले दिन देवी शैलीपुत्री की पूजा की जाती है. छत्तीसगढ़ के देवी मंदिरों में नवरात्र के पहले दिन सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.
Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्र का अपना एक विशेष महत्व बताया गया है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित होता है. इसमें मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है.