दिल्ली के प्रदूषण में गत 15 अक्टूबर को पराली से होने वाले धुएं का योगदान 1.2% पर पहुंच गया था वरना अक्टूबर की शुरुआत में यह 1% से नीचे था. पराली जलाने के मुद्दे पर लगातार चर्चा के बावजूद, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा कारण डीजल और पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियां हैं.
GRAP-2 In Delhi: दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता की निगरानी करने वाले निकाय कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सोमवार को एक बयान जारी करके कहा कि दिल्ली में ग्रैप लेवल-I पहले से ही लागू है.
गोपाल राय ने कहा, "प्रतिकूल परिस्थितियों का असर प्रदूषण पर दिख रहा है. दिल्ली में हवा की गति कम हो रही है और तापमान तेजी से नीचे जा रहा है. नतीजतन, हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है.