यह 'जय गुजरात' का नारा ऐसे समय में आया है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर पहले से ही सियासी उबाल है. हाल के दिनों में हिंदी भाषा को थोपने के मुद्दे पर महायुति और महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच जोरदार बहस चल रही है. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि बीजेपी और शिंदे सरकार मराठी भाषा को महत्व नहीं दे रही है.
पायलट ने बताया कि वह 12 घंटे से उड़ान भर रहा है. इसके साथ ही उसने स्वास्थ्य कारणों का भी हवाला दिया. हालांकि एयरलाइन के काफी देर तक समझाने के बाद वह माना और 45 मिनट बाद उड़ान भरने के लिए राजी हुआ.
Kunal Kamra Controversy: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को 'गद्दार' बताने वाले टिप्पणी के खिलाफ मुंबई में कॉमेडियन कुणाल कामरा पर FIR दर्ज हुआ है. इसी एफआईआर को रद्द करने को लेकर कॉमेडियन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
Kunal Kamra Controversy: कंगना रनौत ने उपमुख्यमंत्री पर हुए आपत्तिजनक टिप्पणी पर बयान दिया है. उन्होंने कुणाल कामरा के बयान का विरोध करते हुए उसे गलत ठहराया है. एक्ट्रेस और लोकसभा सांसद कंगना रनौत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कॉमेडी के नाम पर किसी की इज्जत उछालना गलत है.
Kunal Kamra Controversy: शिंदे पर बनाए पैरोडी सॉन्ग विवाद पर कॉमेडियन कुणाल कामरा का पहला रिएक्शन सामने आया है. कुणाल ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया पर अपना स्टेटमेंट जारी किया. जिसमें कुणाल ने कहा- 'मैं माफी नहीं मांगूंगा... मैं इस भीड़ से नहीं डरता...'
कुणाल कामरा ने हाल ही में यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो शेयर किया, जिसका नाम है 'नया भारत'. इस वीडियो में वह महाराष्ट्र की बदलती राजनीति, पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और उद्योगपति मुकेश अंबानी पर तंज कसते हुए दिखे. उन्होंने एकनाथ शिंदे को 'गद्दार' बताया और महाराष्ट्र की राजनीतिक हलचल पर चुटकी ली.
Kunal Kamra Controversy: कॉमेडियन कुणाल कामरा ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तंज कसा है. जिसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) भड़क गई है. शिवसैनिकों ने कॉमेडियन का स्टूडियो को तोड़ दिया है.
शिंदे ने जो मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना और आनंदाचा सिद्धा योजना शुरू की थी. उसे रोक दिया गया है. इन योजनाओं का उद्देश्य बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा पर मुफ्त यात्रा का लाभ देना और त्योहारों के दौरान सस्ते दरों पर राशन मुहैया कराना था. इन फैसलों से शिंदे को यह संकेत मिल सकता है कि बीजेपी अब उन्हें पूरी तरह से सहयोग नहीं दे रही है.
मंत्रियों के विभागों का बंटवारा फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन कैबिनेट के स्वरूप में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि महायुति ने गठबंधन धर्म निभाने के साथ-साथ अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है.
महायुति के नेताओं का कहना है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरू होने वाला है, और इससे पहले यह विस्तार हो सकता है.