मंत्रियों के विभागों का बंटवारा फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन कैबिनेट के स्वरूप में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि महायुति ने गठबंधन धर्म निभाने के साथ-साथ अनुभवी और युवा नेताओं के बीच संतुलन स्थापित करने की कोशिश की है.
महायुति के नेताओं का कहना है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र 14 दिसंबर से शुरू होने वाला है, और इससे पहले यह विस्तार हो सकता है.
सामना में आगे लिखा है, "शिंदे ने बैठक के दौरान अपने पुराने वादे को याद दिलाया, जिसमें कहा गया था कि अगर महायुति को बहुमत मिलता है तो वह खुद मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. शिंदे का तर्क था कि उनके नेतृत्व में ही पार्टी ने बहुमत हासिल किया है, इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाए रखा जाए."
Maharashtra: महाराष्ट्र चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अभी तक राज्य में सरकार नहीं बन पाई है. इसके पीछे बड़ी वजह रही है कि अभी तक सीएम के चेहरे पर सहमति नहीं पाई है.
शिंदे की हालत स्थिर है और डॉक्टर उनकी नियमित जांच कर रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि शिंदे की सेहत को लेकर किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, और वे शीघ्र स्वस्थ हो जाएंगे.
Eknath Shinde: इसके पहले शिंदे ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उनको सीएम बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है और बीजेपी जिसे भी सीएम बनाएगी, वे और उनकी पार्टी उसका समर्थन करेंगे.
मुख्यमंत्री शिंदे ने आगे कहा कि जनता ने हमें विश्वास के साथ चुना है और इस विश्वास को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार के द्वारा किए गए विकास कार्यों को इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा."
Maharashtra CM: शिवसेना शिंदे गुट के विधायक का बड़ा बयान सामने आया है. जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासत तेज हो गई है. संजय शिरसाट ने कहा है कि एकनाथ शिंदे अगले 24 घंटों में कोई बड़ा फैसला लेंगे. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि शिवसेना के मुखिया केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोई पद नहीं लेंगे.
Maharashtra: वहीं शिवसेना यूबीटी ने सरकार बनाने में देरी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने तंज कसते हुए पूछा कि क्या महाराष्ट्र में सीएम तय हो गया?
इस दौरान शिंदे ने भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में अपनी सहमति भी जाहिर की, और कहा कि वह भाजपा के नेतृत्व में काम करने को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं. यह बयान महाराष्ट्र की राजनीति में अहम मोड़ पर आया है, क्योंकि अब तक कई राजनीतिक दलों और नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बयानबाजी और मुकाबला चल रहा था.