चक्रवातों के नामों की मौजूदा लिस्ट 2020 में तैयार की गई थी, जिसमें प्रत्येक सदस्य राज्य 13 नामों का योगदान देता है. इन नामों का इस्तेमाल रोटेशन में किया जाता है. किसी भी नाम का दोबारा इस्तेमाल नहीं होता है यानी कि हिंद महासागर क्षेत्र में आया हर चक्रवात अलग नाम से जाना जाता है. उदाहरण के लिए, 'फेंगल' नाम का सुझाव सऊदी अरब ने दिया था.