रणजी ट्रॉफी में यह कारनामा करने वाले कंबोज तीसरे गेंदबाज हैं. उनसे पहले प्रेमंगसु मोहन चटर्जी (1956-57) और प्रदीप सुंदरम (1985-86) ने यह उपलब्धि हासिल की थी. चटर्जी ने बंगाल और सुंदरम ने राजस्थान के लिए यह अद्वितीय प्रदर्शन किया था. रणजी ट्रॉफी में यह कारनामा 38 साल बाद देखने को मिला है.
आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सबसे ज्यादा बीपीएल लाभार्थी हैं. फरीदाबाद में 14.29 लाख लोग बीपीएल सूची में शामिल हैं, जो राज्य के किसी भी अन्य जिले से अधिक है.
Haryana: हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने आरोप लगाया है कि हरियाणा चुनाव में प्रशासन ने उनकी जान लेने की कोशिश की. उन्होंने ने कहा कि प्रशासन मेरी जान लेकर चुनाव बर्बाद करना चाहती है.
CG News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव और विजय शर्मा के साथ हरियाणा के लिए रवाना हुए. जहां वो सभी सैनी सरकार के शपथ ग्रहण में शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि शपथ के बाद प्रधानमंत्री के साथ बैठक भी है. सीएम ने रायपुर दक्षिण में होने उपचुनाव को लेकर कहा कि हम भारी मतों से जीतेंगे.
नायब सैनी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित 18 राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल रहेंगे. यह कार्यक्रम हरियाणा के पंचकूला में 1 बजे दशहरा ग्राउंड में होगा.
शाह की मीटिंग से पहले आज की अखबारों में हरियाणा सरकार का विज्ञापन में मुख्यमंत्री के चेहरे का खुलासा कर दिया गया है. अखबार में हरियाणा सरकार के छपे विज्ञापन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नायब सैनी की तस्वीर है.
नायब सिंह सैनी का हरियाणा का मुख्यमंत्री बनना एक बड़ा राजनीतिक कदम है. पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद से सैनी के नाम पर मुहर लगी थी. सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं, और बीजेपी ने उनकी नियुक्ति के जरिए राज्य के सामाजिक समीकरणों को साधने का प्रयास किया है.
पवन खेड़ा ने बताया कि मतगणना के दिन कुछ मशीनें 99% पर थीं, जबकि अन्य मशीनें सामान्यत: 60-70% पर थीं. हमने मांग की है कि इन मशीनों को जांच पूरी होने तक सील कर दिया जाए. हम अगले 48 घंटों में और शिकायतें पेश करेंगे.”
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आरएसएस की सलाह पर ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाताओं से जुड़ने की कोशिश की. सैनी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र लाडवा में व्यापक जनसंपर्क अभियान चलाया और खाप और पंचायत नेताओं से मिलकर उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया.
कांग्रेस ने 'किसान, जवान और पहलवान' जैसे मुद्दों को केंद्र में रखकर बीजेपी को घेरने की कोशिश की, लेकिन वे इस विरोध को व्यापक जनता तक पहुंचाने में नाकाम रहे. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना को मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने मोर्चा संभाला, लेकिन बीजेपी ने पीएम पेंशन योजना और अनाजों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जैसी योजनाओं से किसानों का विश्वास जीत लिया.