Jammu-Kashmir Election Result: शुरुआती रुझानों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस वाली गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता हुआ दिख रहा है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी 25 सीटों पर लीड कर रह ही है.
हरियाणा में अगर साल 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी को 40 सीटें मिली थी. वहीं कांग्रेस पार्टी को 31 सीटों से संतोष करना पड़ा था.
Jammu-Kashmir Election: मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, "आप सबने मोदी जी पर विश्वास किया, और 500 वर्षों की अयोध्या की समस्या ऐसे हल हुई, जैसे यह कोई समस्या थी ही नहीं." योगी ने आगे कहा कि कांग्रेस का नाम ही समस्या है और बीजेपी का नाम समाधान.
Jammu-Kashmir Assembly Election 2024: इंजीनियर राशिद की पार्टी का नाम अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) है. एआईपी ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रही है.
Amit Shah: अमित शाह ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जम्मू की पहाड़ियों में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि यह मोदी सरकार है और हम आतंकवाद को पाताल में दफन कर देंगे.
Jammu-Kashmir Election 2024: अनंतनाग में कन्हैया कुमार ने पार्टी नेताओं के साथ सियासी संवाद किया. कन्हैया ने कहा, जम्मू-कश्मीर में सन्नाटा पसरा है. लेकिन जब कांग्रेस पार्टी सत्ता में आएगी तो केंद्र शासित प्रदेश में वास्तविक शांति स्थापित की जाएगी.
Jammu-Kashmir Election 2024: उमर अब्दुल्ला एक अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्हें वोट बंटने का डर सता रहा है. पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी ऐसा ही लगता है.
Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने कहा, "भारत के इतिहास में पहली बार राज्य का दर्जा छीना गया है. एक राज्य को खत्म कर दिया गया और लोगों के अधिकार छीन लिए गए." उन्होंने आगे कहा कि पूरे देश में बीजेपी और आरएसएस के लोग नफरत और हिंसा फैला रहे हैं.
कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने गठबंधन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है. जम्मू में जनाधार रखने वाली बीजेपी इस क्षेत्र में अकेले चुनाव लड़ रही है.
Shagun Parihar: अनिल परिहार किश्तवाड़ की राजनीति में तब भी एक्टिव थे, जब आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में चरम-सीमा पर था. बीजेपी के नेताओं को जब नब्बे के दशक में जब डोडा बचाओ आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था, तब भी अनिल परिहार बीजेपी से जुड़े हुए थे.