CM Yogi Adityanath: सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान आज परेशान है, दो कामों से- एक अपने ही कर्मों की सजा भगुत रहा है, बलूचिस्तान के लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ नहीं रहना है.
Jammu Kashmir Election: पहले चरण में राज्य की 24 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. इसमें कश्मीर की 16 और जम्मू की आठ सीटें शामिल हैं. वहीं, पहले चरण के मतदान के लिए सुरक्षाबलों और एजेंसियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
अब कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट देने का निर्णय लिया है, जिसके बाद पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. खासकर मुस्लिम नेताओं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. DPAP ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह शर्मनाक है कि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थक को कांग्रेस में शामिल किया.
उमर अब्दुल्ला ने इस बार गांदरबल और बडगाम सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उमर के चुनावी अभियान में उनके बेटे जमीर और जाहिर की सक्रियता देखने को मिल रही है. हाल ही में हुए नामांकन की प्रक्रिया के दौरान भी, जब उमर ने गांदरबल और बडगाम में नामांकन पत्र भरा, उनके दोनों बेटे उनके साथ थे.
रक्षा मंत्री ने कहा, "जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन करें ताकि हम इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विकास कर सकें. इतना विकास होगा कि पीओके के लोग इसे देखकर कहेंगे कि हम पाकिस्तान के साथ नहीं रहना चाहते और इसके बजाय भारत चले जाएंगे."
Amit Shah: अमित शाह ने जम्मू में कहा,'अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के लोग वोट देने जा रहे हैं. मैं अपने कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि वे सुनिश्चित करें कि विपक्षी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाए
फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी की 2015 में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार को बड़ा मुद्दा बना सकती है. एनसी के अनुसार, इस गठबंधन के कारण अगस्त 2019 की घटनाएं हुईं, जब जम्मू-कश्मीर ने अपना विशेष दर्जा खो दिया.
भारतीय सेना की चिनार कोर के अनुसार, कुपवाड़ा के माछिल सेक्टर में हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि कुपवाड़ा के तंगधार सेक्टर में 1 आतंकी को मार गिराया गया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घोषणापत्र का मसौदा तैयार करने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता अब्दुल रहीम राथर के नेतृत्व में एक समिति बनाई थी.
जम्मू-कश्मीर में इस बार चुनाव से सरकार तो बनेगी लेकिन उसके पास पहले की तरह पावर नहीं होंगे. कश्मीर अभी केंद्र शासित प्रदेश हैं और वहां पर उपराज्यपाल के पास कई सारी शक्तियां हैं.