Mehbooba Mufti: पूर्व सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतीपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव संपन्न हुए हैं. अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है.
बता दें कि आतंकी हमला तब हुआ जब, रविवार, 20 अक्टूबर को जब मजदूर और कर्मचारी सुरंग निर्माण स्थल से अपने शिविर लौट रहे थे. इस कायराना हरकत ने न केवल निर्दोष लोगों की जान ली, बल्कि कश्मीर में एक बार फिर से अनिश्चितता का माहौल पैदा कर दिया.
4 नवंबर को नवनिर्वाचित जम्मू-कश्मीर विधानसभा का पहला सत्र शुरू होगा. इस प्रकार, कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा लौटाने का प्रस्ताव पेश किया है.
यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ा था और दोनों दलों की संयुक्त जीत ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 6 सीटें जीती थीं.
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने इंजीनियर राशिद की अंतरिम जमानत को 3 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. अब वह 15 अक्टूबर को दिल्ली के तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करेंगे.
2019 में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद उमर अब्दुल्ला सरकार के खिलाफ एक सशक्त आवाज़ बने. वे लंबे समय तक नजरबंद भी रहे, लेकिन उनका संघर्ष जारी रहा. अब, जब वे दोबारा मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, तो उनके सामने नई चुनौतियां होंगी.
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों के मतदाताओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. जम्मू क्षेत्र में हिंदू मतदाता चुनावी समीकरणों को प्रभावित करते हैं, जबकि कश्मीर में मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम है.
CM Yogi Adityanath: सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान आज परेशान है, दो कामों से- एक अपने ही कर्मों की सजा भगुत रहा है, बलूचिस्तान के लोग कहते हैं कि हमें पाकिस्तान के साथ नहीं रहना है.
Jammu Kashmir Election: पहले चरण में राज्य की 24 विधानसभा सीटों पर सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है. इसमें कश्मीर की 16 और जम्मू की आठ सीटें शामिल हैं. वहीं, पहले चरण के मतदान के लिए सुरक्षाबलों और एजेंसियों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
अब कांग्रेस ने लाल सिंह को टिकट देने का निर्णय लिया है, जिसके बाद पार्टी की नीतियों को लेकर सवाल उठने लगे हैं. खासकर मुस्लिम नेताओं और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. DPAP ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए यह शर्मनाक है कि उन्होंने बलात्कारियों के समर्थक को कांग्रेस में शामिल किया.