Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi Punyatithi

क्यों गांधी को जहर देने से पहले रोने लगे थे बतख मियां? कहानी चंपारण की

यह बात 1917 की है, जब गांधी चंपारण में नील के खेतों में काम कर रहे किसानों के लिए संघर्ष कर रहे थे. किसानों की हालत इतनी दयनीय थी कि उन्हें गुलामों जैसा जीवन जीने को मजबूर किया जा रहा था. गांधी ने उनकी मदद के लिए कदम उठाए, और यह सच्चाई ब्रिटिश सरकार के लिए किसी आपातकाल से कम नहीं थी.

Fake Currency

500 के नोटों पर गांधी के बदले छाप दी अनुपम खेर की तस्वीर, व्यापारी के साथ करोड़ों का फ्रॉड, जांच में जुटी पुलिस

Anupam Kher: इतना ही नहीं, नोट पर 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' की जगह 'रिसोल बैंक ऑफ इंडिया' लिखा हुआ है. इन नकली नोट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस पर अब खुद अनुपम खेर ने भी प्रतिक्रिया दी है.

Mahatma Gandhi In Ghasera Village

बंटवारे के बाद जब भारत छोड़ पाकिस्तान जाने लगा था पूरा मेवात, महात्मा गांधी के दखल के बाद रुका था पलायन

महात्मा गांधी के इस संबोधन के बाद जो लोग मेवात से पाकिस्तान के लिए निकल चुके थे, उन्हें आदमी भेज कर वापस बुला लिया गया. इस सभा में गांधी जी ने कहा था कि वह किसी हाल में भारत पाकिस्तान का बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों की वजह से ऐसा हुआ.

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