महात्मा गांधी के इस संबोधन के बाद जो लोग मेवात से पाकिस्तान के लिए निकल चुके थे, उन्हें आदमी भेज कर वापस बुला लिया गया. इस सभा में गांधी जी ने कहा था कि वह किसी हाल में भारत पाकिस्तान का बंटवारा नहीं चाहते थे, लेकिन कुछ कट्टरपंथियों की वजह से ऐसा हुआ.