Adani Group: अडानी समूह जो 2017 के समझौते के तहत अपनी झारखंड इकाई से बिजली का निर्यात करती है. ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार समझौते की शर्तों को जानना चाहती है.
हसीना ने आगे कहा, "राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, आत्म-पहचान प्राप्त की और एक स्वतंत्र देश पाया, उनका घोर अपमान किया गया है.
इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री के अलावा शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून समेत कई लोगों के नाम शामिल है.
सेंट मार्टिन द्वीप 1971 में देश के अस्तित्व में आने के बाद से बांग्लादेश की राजनीति पर हावी रहा है. बंगाल की खाड़ी से इसकी निकटता और म्यांमार के साथ समुद्री सीमा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, विशेष रूप से अमेरिका और चीन की रुचि को बढ़ाता है.
Bangladesh Violence: अपने करीबी सहयोगियों के माध्यम से भिजवाए एक संदेश में हसीना ने कहा, 'मैंने इस्तीफा दे दिया, ताकि मुझे शवों का जुलूस नहीं देखना पड़े. वे छात्रों के शवों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने इसकी अनुमति नहीं दी
Bangladesh Violence: पूर्व पीएम शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के नेताओं को अब उग्रवादियों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि आवामी लीग के 20 बड़े नेताओं के सव बरामद हुए हैं.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में उग्र प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और ढाका से भारत आ गईं थीं. शेख हसीना अभी भी भारत में ही हैं.
Bangladesh Violence: भारत सरकार उन्हें एक प्रधानमंत्री या राज्य प्रमुख के नाते सभी उचित प्रोटोकॉल दे रही है. सरकारी सूत्रों ने कहा, हमें ऐसे परिदृश्य के लिए तैयार रहना होगा जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके खिलाफ पैदा हो रहे मुद्दों को देखते हुए हमें उन्हें लंबे समय तक भारत में रखना पड़ सकता है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री अगले 48 घंटे में भारत छोड़ सकती हैं. सूत्रों की मानें तो हसीना यूरोप के किसी देश में जा सकती हैं. इसके अलावा अन्य देशों से भी उनकी बातचीत चल रही है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश सेना के प्रमुख ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाने का ऐलान किया था. बीते दिन शेख हसीना के इस्तीफे के और देश छोड़ कर चले जाने के बाद आर्मी चीफ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए देश की जनता को संबोधित किया था.