Indore Suicide: मध्य प्रदेश के इंदौर में तीन अलग-अलग जगहों पर पढ़ाई के तनाव के कारण 3 स्टूडेंट्स ने सुसाइड कर लिया. तीनों ने फांसी लगाकर जान दे दी. इनमें एक लॉ स्टूडेंट, एक बीएससी का छात्र और एक नर्सिंग की छात्रा शामिल है. नर्सिंग की छात्रा ने सुसाइड नोट में दीवार पर लिखा- सरकारी नर्स नहीं बन सकी, इसलिए जान दे रही हूं. हालांकि तीनों की मौत के बाद पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हर एंगल से मामले में जांच कर रही है.
पढ़ाई के तनाव में थे तीनों
लॉ का स्टूडेंट बलिराम वास्कले (22) खरगोन का रहने वाला था और इंदौर की सेज यूनिवर्सिटी से थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहा था. बलिराम वास्कले आजाद नगर थाना क्षेत्र में किराए पर रहता था. रविवार को बलिराम का रूम मेट अरुण जब वापस लौटा तो दरवाजा अंदर से बंद था. काफी देर तक चिल्लाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुलने पर रूम मेट ने खिड़की से झांककर देखा तो बलिराम का शव फंदे से लटका हुआ था. अरुण ने पुलिस को बताया कि बलिराम काफी दिनों से पढ़ाई को लेकर तनाव में था. हालांकि लॉ स्टूडेंट का अभी तक कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है.
दूसरा मामला छत्रीपुरा थाना क्षेत्र का है. लक्की (19 ) होलकर कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर का छात्र था. लक्की अपनी बड़ी बहन के साथ रहता था. हालांकि घटना के वक्त लक्की अकेले ही था. बताया जा रहा है कि लक्की कॉम्पटीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा था, जिसको लेकर वह अक्सर तनाव में रहता था. हालांकि यहां भी पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.
नर्सिंग की छात्रा ने लगाई फांसी
आशा कानूनगो (25) सिवनी की रहने वाली थी और पिछले 3 महीनों से इंदौर के हीरानगर थाना क्षेत्र में किराए के कमरे पर रहती थी. आशा नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी. मकान मालिक को आशा का शव कमरे के अंदर फांसी के फंदे पर लटका मिला. मकाने मालिक के मुताबिक आशा के कमरे की दीवार पर लिखा था- सरकारी नर्स नहीं बन सकी, इसलिए जान दे रही हूं. हालांकि पुलिस ने अभी तक किसी भी तरह के सुसाइड नोट की पुष्टि नहीं की है. फिलहाल पुलिस ने तीनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
देश में महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद सुसाइड करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा है.
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