MP News: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने तीन राजकीय विश्वविद्यालय खोलने की बड़ी घोषणा की है. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सागर सहित खरगोन और गुना में तीन राजकीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है. उच्च शिक्षा विभाग ने राजकीय विश्वविद्यालयों की स्थापना को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है. इसको लेकर एमपी के उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी किए हैं. यह सभी राजकीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राष्ट्र नायकों के नाम पर खोले जाएंगे.
पहले से संचालित महाविद्यालयों का रहेगा अस्तित्व
उच्च शिक्षा विभाग के आदेश में जानकारी दी गई है कि सागर के साथ खरगोन और गुना में कॉलेजों को अपग्रेड कर राजकीय विश्वविद्यालयों की स्थापना कराई जाएगी. आदेश के अनुसार सागर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज को रानी अवंती बाई के नाम पर अपग्रेड करके विश्वविद्यालय बनाया जाएगा. वहीं खरगोन में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय क्रांति सूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय के नाम से अपग्रेड होगा. इसी तरह गुना में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को अपग्रेड करके तात्या टोपे के नाम पर विश्वविद्यालय बनाया जाएगा. हालांकि आदेश में यह भी कहा गया है कि लीडिंग कॉलेज सिर्फ विश्वविद्यालय की संगठक इकाई होगी यानी कि पहले से संचालित महाविद्यालयों का अस्तित्व बना रहेगा.
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पढ़ाई का सत्र 2024-25 होगा शुरू
उच्च शिक्षा विभाग ने जारी आदेश में यह भी कहा है कि इन विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का सत्र 2024-25 शुरू होगा. इसका मतलब है कि प्रवेश आगामी सत्र से ही शुरू हो जाएगा. बताते चलें कि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन अलग से जारी किया जाएगा. अपग्रेड होने के बाद शासकीय महाविद्यालयों की संपत्ति, रिकॉर्ड, देनदारी और आगामी सत्र 2024-25 से प्रवेश लेने वाले सभी स्टूडेंट्स राजकीय विश्वविद्यालय के ही माने जाएंगे. विश्वविद्यालय में नए पदों की स्वीकृति और अन्य विषयों के लिए अलग से आदेश जारी किया जाएगा.
सागर में राजकीय विवि के कुलसचिव नियुक्त
सागर में राजकीय विवि की स्वीकृति मिलने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने सागर के गर्ल्स कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर शक्ति जैन को कुलसचिव नियुक्त किया है. बताते चलें कि मुख्यमत्री डॉ. मोहन यादव के सामने 20 जनवरी को सागर में आयोजित आभार सभा में विधायक शैलेंद्र जैन ने राजकीय विश्वविद्यालयों को खोले जाने की मांग रखी थी. वहां मौजूद सभी लोगों ने इस मांग का समर्थन किया था. इसके बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंच से ही सागर में राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा कर दी थी.