शृंगार और मोह-माया छोड़कर क्यों साध्वी बनीं महामंडलेश्वर योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा?

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ पहुंची जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा ने Vistaar News के एग्जीक्यूटिव एडिटर ज्ञानेंद्र तिवारी के साथ खास बातचीत की.
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योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा

Maha Kumbh 2025: जब भी किसी महिला का जिक्र होता है तो दिमाग में सबसे पहले शृंगार की हुई महिला की छवि दिमाग में आती है. महाकुंभ का आगाज हो चुका है और यहां कई तरह के रंग देखने को मिल रहे हैं. इस दौरान 25 साल से 25 साल से आध्यात्मिक जीवन जी रहीं योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा भी मेले में पहुंची हैं. जूनी अखाड़े की महामंडलेश्वर योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा ने Vistaar News के एग्जीक्यूटिव एडिटर ज्ञानेंद्र तिवारी के साथ खास बातचीत की. इस बातचीत में उन्होंने अपनी आध्यात्मिक सफर और सनातन के अलावा कई मुद्दों पर बात की.

Yogmata Chetna and Yogmata Shraddha Exclusive : मोह माया छोड़कर साध्वी क्यों बनी? | Maha Kumbh 2025

जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर योगमाता चेतना और योगमाता श्रद्धा ने एग्जीक्यूटिव एडिटर ज्ञानेंद्र तिवारी के साथ खास बातचीत के दौरान बताया कि आध्यात्म के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान पुरातन काल से है. ऋषि-मुनी और गुरुमाता के रूप में हम हमेशा उन्हें देखते आए हैं. इसके अलावा लोगों के बीच जाति के भेदभाव और धर्मांतरण के मुद्दे पर भी उन्होंने बात की. उन्होंने कहा कि अगर बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे. देखिए पूरा वीडियो.

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