Seedhe Mudde Ki Baat: हर साल जब धान के फसल की कटाई होती है तो पराली जलाने की खबर आम हो जाती है. पराली जलाने का नाम लेते ही लोगों को पंजाब और हरियाणा याद आता है. लेकिन अभी जो आंकड़ा आया है बेहद चौंकाने वाला है. पराली जलाने के मामले में पंजाब या हरियाणा टॉप पर नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश है.
पराली जलाने में पंजाब-हरियाणा से आगे निकला MP
इस साल मध्य प्रदेश से पराली जलाने के 14 हजार 493 मामले सामने आए हैं, जो पंजाब और हरियाणा से बहुत ज्यादा हैं. पंजाब से पराली जलाने के 10 हजार 682 और हरियाणा से 1315 मामले सामने आए हैं. हरियाणा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. पंजाब की तुलना में मध्यप्रदेश में जहां 35 प्रतिशत ज्यादा पराली जलाई गई तो वहीं हरियाणा की तुलना में 1002 प्रतिशत ज्यादा पराली जली है. यह आंकड़े 24 नवंबर तक के हैं.
धान की खेती के मुकाबले ज्यादा जली पराली
यह आंकड़ा बहुत निराशा जनक है क्योंकि पंजाब और हरियाणा के मुकाबले मध्य प्रदेश में कोई बहुत ज्यादा धान की खेती नहीं हुई है और आंकड़े इसकी गवाही देते हैं . पंजाब में 80 लाख एकड़, मध्य प्रदेश में 45 लाख एकड़ और हरियाणा में 40 लाख एकड़ जमीन पर धान की खेती हुई है. ऐसे में पराली जलाने के मामले में मध्य प्रदेश का पहले स्थान पर रहना बहुत चिंता वाला विषय है.
एमपी का यह जिला पराली जलाने में टॉप
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा श्योपुर जिले से पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. दूसरे नंबर पर जबलपुर हैं जहां 1952 केस मिले हैं. वहीं तीसरे नंबर पर नर्मदापुरम है. नर्मदापुरम से पराली जलाने के 1617 मामले मिले हैं. प्रदेश में कई जगह हवा जहरीली होती जा रही है लेकिन किसानों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला नहीं थम रहा है.
पराली संकट: किसानों को एक बात समझनी होगी
पराली जलाने को लेकर किसानों के अपने ही तर्क है. किसानों का कहना है कि पराली जलाएं नहीं तो क्या करें? लेकिन किसानों को एक बात समझनी होगी कि पराली जलाने से कई जगह AQI बहुत खतरनाक हो जाता है. फेफड़े संबंधी समस्या से जूझ रहे लोगों की हालत खराब हो जाती है.
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पराली जलाने से नुकसान ज्यादा फायदा कम
पराली जलाने से प्रदूषण तो होती ही है. साथ-साथ मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम होती है. बहुत हानिकारक गैस निकलते हैं पराली जलाने से इसके अलावा कई बार पराली जलाने से आग लगने की भी घटनाएं सामने आती हैं.
पराली के खिलाफ एक्शन में प्रशासन, HC बार का भी बड़ा फैसला
मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले को स्थानीय प्रशासनों ने बहुत गंभीरता से लिया है. एक तरफ शासन प्रशासन द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.तो वहीं वहीं दूसरी तरफ अब मध्य प्रदेश हाइकोर्ट बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि किसी किसान पर पराली जलाने का मामला दर्ज हुआ तो बार एसोसिएशन से जुड़ा कोई भी वकील उसकी पैरवी नहीं करेगा.