मध्य प्रदेश में लगभग सभी फसलों की खेती होती है, लेकिन सबसे ज्यादा यहां सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है. देश में इसकी हिस्सेदारी 50 से 60 प्रतिशत है. वहीं धान की बात करें तो प्रदेश के बालाघाट जिले में सबसे ज्यादा धान का उत्पादन होता है, इसलिए इसे प्रदेश का “धान का कटोरा” कहा जाता है. बालाघाट की उपजाऊ मिट्टी, अनुकूल जलवायु और अच्छी वर्षा के कारण यहां धान की पैदावार ज्यादा होती है. बालाघाट के किसान पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं. जानकारी के अनुसार, यहां के किसान बीज बोने के पहले ज्योतिषी से शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं. इसके बाद ही फसल लगाते हैं. वहीं यहां के किसानों का कहना है कि शुभ मुहूर्त में बीज बोने से धान की पैदावार अच्छी होती है, जिससे उन्हें अत्यधिक लाभ मिलता है. यही कारण है कि बालाघाट को लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यहां के किसान तभी खेतों में हाल चलाते हैं जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं. बालाघाट में कृषि ज्यादा होती है और यहां के किसान ज्यादातर धान की फसल उगाते हैं. बारिश की वजह से धान खराब हो जाती है इसलिए किसान परंपरागत तरीकों से खेती करते हैं.