आवासीय मकानों के रेट में बड़ा उछाल, इन 8 शहरों में महंगा हुआ घर खरीदना, दिल्ली-NCR टॉप पर
2024 की अंतिम तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज
Property: मंगलवार, 25 फरवरी को क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास की एक रिपोर्ट सामने आई है.इस रिपोर्ट के मुताबिक मांग में तेजी और पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट की वजह से भारत के टॉप 8 शहरों में घर खरीदना काफी महंगा हो गया है. इन 8 शहरों में घरों की औसत कीमतों में 2024 की अंतिम तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है.
क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 से शुरू होकर लगातार 16वीं तिमाही में घरों की औसत कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है. क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास की रिपोर्ट के अनुसार, सभी आठ प्रमुख शहरों में कीमतें बढ़ीं हैं.
किन शहरों में बढ़ी कीमतें
साल 2024 की चौथी तिमाही में Delhi-NCR में सालाना आधार पर 31 फीसदी की सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. इस लिस्ट में अगला नाम बेंगलुरु का है. जहां पर 23 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि ‘किफायती घरों के सेगमेंट’ में बिक्री की तेजी बनी रहेगी, लेकिन 2025 में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट में मांग और बढ़ सकती है.
अनसोल्ड इन्वेंट्री में लगातार चौथी तिमाही में गिरावट जारी रही और स्वस्थ मांग के कारण 2024 की चौथी तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 5 फीसदी की गिरावट आई. दिसंबर के अंत में, भारत के स्तर पर अनसोल्ड इन्वेंट्री पिछले दो वर्षों में पहली बार 10 लाख यूनिट घरों से नीचे थी. मुंबई महानगर क्षेत्र (मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन) 40 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ, अनसोल्ड इन्वेंट्री में एक बड़ा भागीदार रहा.
विशेष रूप से, पुणे में अनसोल्ड इन्वेंट्री में सबसे अधिक वार्षिक गिरावट 14 फीसदी देखी गई, इसके बाद हैदराबाद में 13 फीसदी की गिरावट आई. क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि घरों की कीमतों में निरंतर वृद्धि घर खरीदारों के बीच मजबूत आत्मविश्वास को दिखाता है, जो बड़े घरों में रहने और लाइफस्टाइल अपग्रेड को प्राथमिकता देने से जुड़ा है. उपभोक्ताओं की बढ़ती आकांक्षाओं के साथ, हम बड़े घरों, बेहतर सुविधाओं और इंटीग्रेटेड लिविंग स्पेस की बढ़ती मांग देख रहे हैं.
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बढ़ सकती हैं कीमतें
ब्याज दरों में संभावित कमी अफोर्डिबिलिटी और मांग को और बढ़ा सकती है. बोमन ईरानी ने कहा कि इस सकारात्मक रुझान के पूरे साल जारी रहने और आगे भी बने रहने की उम्मीद है, जिससे घर खरीदने वालों के लिए रियल एस्टेट में निवेश करने का यह एक सही समय बन गया है. हाल ही में रेपो रेट में कमी के साथ-साथ स्ट्रेस्ड आवासीय प्रोजेक्ट्स को फंडिंग की सरकारी पहल से किफायती घरों के सेगमेंट को बढ़ावा मिलेगा.
कोलियर्स, इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बादल याग्निक ने कहा, आगे बढ़ते हुए, बेंचमार्क लेंडिंग रेट में और कमी की गुंजाइश के साथ, अधिकांश शहरों में सभी श्रेणियों में घरों बिक्री में तेजी आने की संभावना है. यानी औसत घरों की कीमतें 2025 में वार्षिक आधार पर समान स्तर पर बढ़ सकती हैं.