Repo Rate: ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, RBI ने रेपो रेट 6.5% पर रखा बरकरार, महंगी EMI से राहत नहीं
Repo Rate:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. सेंट्रेल बैंक ने ब्याज दरों को 6.5% पर बरकरार रखा है. यानी अब लोन महंगे नहीं होंगे. इससे आपकी EMI भी नहीं बढ़ेगी. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने रेपो रेट (Repo Rate) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. रेपो रेट में इस बार कोई बदलाव नहीं किया है. RBI ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25% बढ़ाकर 6.5% की थीं.
RBI ने अभी भी रेपो रेट 6.50 फीसदी पर स्थिर रखा है. यह 11वीं बार है जब रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेटो रेट में बदलाव किया था. इसमें 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया था. इसके बाद से इसे चेंज नहीं किया गया है.
5 बार में 1.10% ब्याज दर बढ़ा
RBI ने कोरोना के दौरान 27 मार्च 2020 से 9 अक्टूबर 2020 दो बार ब्याज दरों में 0.40% की कटौती की थी. इसके बाद अगली 10 मीटिंग्स में सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50% की कटौती की थी. कोविड से पहले 6 फरवरी 2020 को रेपो रेट 5.15% पर था.
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RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत रेपो दर को 6.5% पर बरकरार रखा है. शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 4:2 बहुमत के साथ तटस्थ रुख बनाए रखा है. स्थिर रेपो रेट मौजूदा आर्थिक स्थितियों के प्रति सतर्क दृष्टिकोण का संकेत देती है. शक्तिकांत ने कहा कि मौद्रिक नीति का व्यापक प्रभाव होता है, मूल्य स्थिरता समाज के हर वर्ग के लिए महत्वपूर्ण है.
EMI पर असर
रेपो रेट का सीधा कनेक्शन बैंक लोन लेने वाले ग्राहकों से होता है. इसके कम होने से लोन की EMI घट जाती है. अगर इसमें इजाफा होता है तो ये बढ़ जाती है. बता दें, रेपो रेट वह दर है जिस पर किसी देश का केंद्रीय बैंक धन की किसी भी कमी की स्थिति में वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. रेपो रेट का उपयोग मौद्रिक अधिकारियों द्वारा इंफ्लेशन को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.