होटल और रेस्टोरेंट में खाने के हैं शौकीन तो पढ़ें ये खबर, दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
होटल और रेस्टोरेंट में खाने के बिल के साथ नहीं लगेगा सर्विस चार्ज
Delhi High Court: इन दिनों होटल और रेस्टोरेंट में खाना खाना काफी मंहगा होता जा रहा है. बढ़ती महंगाई के बीच होटल और रेस्टोरेंट में डिशेस के दाम पहले से इतने ज्यादा हैं. इसके ऊपर ये चार्ज वो चार्ज लगाकर फूड बिल काफी ज्यादा बढ़ जाता है. बिल देखने के बाद अगले महीने की सैलरी का इंतजार करना पड़ता है दोबारा रेस्टोरेंट में खाना खाने का. मगर दिल्ली हाई कोर्ट ने फूड बिल पर बड़ी राहत दी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने होटल और रेस्टोरेंट में खाना खाने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. जिसके तहत अब होटल और रेस्टोरेंट में आपको अपने बिल पर सर्विस चार्ज नहीं देना होगा. कोर्ट ने कहा है कि यह पूरी तरह से ग्राहक की इच्छा पर निर्भर करता है कि वो देंगे या नहीं. इसे ग्राहकों पर अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.
रेस्टोरेंट संघों पर लगा एक लाख का जुर्माना
HC ने कहा है कि यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन है. जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने ये फैसला केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाली नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर सुनाया गया है. अदालत ने CCPA के दिशा-निर्देशों को चुनौती देने वाले रेस्टोरेंट संघों पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सर्विस चार्ज ग्राहकों की मर्जी
बता दें कि साल 2022 में CCPA ने जुलाई माह में कुछ नियम बनाए थे. जिससे ग्राहकों के हितों की रक्षा हो सके. अब कोर्ट ने भी इस बात को माना है कि ग्राहकों का हित सबसे ऊपर है. कोर्ट ने यह भी कहा कि CCPA सिर्फ सलाह देने वाली संस्था नहीं है. ये ग्राहकों के हितों के लिए नियम भी बना सकती है. कोर्ट ने माना कि होटल और रेस्टोरेंट जबरदस्ती सर्विस चार्ज लगाकर ग्राहकों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं. यह पूरी तरह से ग्राहक पर निर्भर होना चाहिए।
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रेस्टोरेंट मालिकों का कहना था कि CCPA ने कुछ नियम बनाए हैं जो गलत हैं. CCPA के पास सर्विस चार्ज पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है. उनका कहना था कि CCPA के नियम सिर्फ सलाह के तौर पर होने चाहिए. हालांकि कोर्ट ने इन दलीलों को नहीं माना. कोर्ट ने रेस्टोरेंट असोसिएशन से कहा कि वे मेनू कार्ड में सर्विस चार्ज के बारे में साफ-साफ लिखें. साथ ही ग्राहकों को यह भी बताएं कि उन्हें यह चार्ज देना जरूरी नहीं है.