भारत के पहले Hydrogen Truck का शुरू हुआ ट्रायल, नितिन गडकरी ने दिखाई हरी झंडी
नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन ट्रक के ट्रायल को दिखाई हरी झंडी
Hydrogen Truck Trial: आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत के पहले हाइड्रोजन ट्रक के ट्रायल (Hydrogen Truck Trial) को हरी झंडी दिखाई है. बढ़ते पॉल्यूशन को कम करने की दिशा में और कार्बन एमिशन जीरो करने के मकसद से केंद्र सरकार की ओर से कई इसे जमीन पर उतरा गया है. टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने देश का पहला 100 फीसदी हाइड्रोजन (Hydrogen Gas) से चलने वाला ट्रक पेश किया है. ये ट्रक पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलेगा. जिसे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्रायल के लिए आज रवाना किया है.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री @nitin_gadkari टाटा मोटर्स द्वारा बनाई गई भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रक के ट्रायल को आज दिल्ली में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया@MORTHIndia pic.twitter.com/UzNmm7XzCV
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) March 4, 2025
भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रक के ट्रायल को हरी झंडी दिखाने के दौरान नितिन गडकरी ने कहा कि यह हमारे देश के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है. यह स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) है और इससे प्रदूषण की समस्या कम होगी. उन्होंने कहा कि ईंधन के आयात पर प्रति वर्ष 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं. इसमें भी कमी आएगी. आज दुनियभर में प्रदूषण एक बड़ी चिंता है. दिल्ली में भी प्रदूषण का स्टार काफी ज्यादा रहता है.
16 हाइड्रोजन ट्रकों को हरी झंडी
नितिन गडकरी ने आज 16 हाइड्रोजन चालित ट्रकों को ट्रायल रन के लिए रही झंडी दिखाई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन 16 में से हम पहली बार इनका ट्रायल शुरू कर रहे हैं. 3 ट्रक सड़कों पर उतरेगा. जो ग्रीन मिशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
नितिन गडकरी ने बताया कि एक हाइड्रोजन स्टेशन की लागत 7 करोड़ रुपये है. यह एक चुनौती है. उन्होंने कहा कि इसे घटाकर 50 लाख रुपये किया जाना चाहिए. इसके बिना हम इस महत्वपूर्ण मूवमेंट को आगे नहीं बढ़ा पाएंगे. वहीं केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा- ‘यह एक क्रांतिकारी बदलाव है. भारत ग्रीन हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्नों का वैश्विक केंद्र बनेगा.’
5 पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत
भारत ने National Green Hydrogen Mission के तहत हाइड्रोजन-ईंधन वाली बसों और ट्रकों के लिए पांच पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत करके स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस मिशन के तहत ट्रांसपोर्ट सेक्टर में हाइड्रोजन परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे. विस्तृत जांच के बाद मंत्रालय ने कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और 9 हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों वाली पांच पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है.
10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे वाहन
ट्रायल के लिए जिन वाहनों को चुना जाएगा, उनमें 15 हाइड्रोजन ईंधन सेल बेस्ड वाहन और 22 हाइड्रोजन अन्तर्दहन इंजन आधारित वाहन शामिल हैं. ये वाहन देश के 10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे. जिसमें ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-कोणार्क-पुरी, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली, पुणे-मुंबई, जमशेदपुर-कलिंग नगर, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि, कोच्चि-एडापल्ली, जामनगर-अहमदाबाद और एनएच-16 विशाखापत्तनम-बय्यावरम शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: ऑस्ट्रेलिया का मूंछ वाला खिलाड़ी, जो हर बार टीम इंडिया के रास्ते में बन जाता है दीवार…सावधान रोहित ब्रिगेड!