कौन हैं बसपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होने वाले Danish Ali? विवादों से रहा है पुराना नाता

दानिश अली भी मणिपुर में राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए थे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने टीएमसी सदस्य महुआ मोइत्रा का समर्थन करने और कथित 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के लिए दानिश अली को निलंबित कर दिया था.
Danish Ali

Danish Ali

दानिश अली (Danish Ali) ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. कभी बसपा के अहम सदस्य रहे अली अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी में अहम जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. रिपोर्टों के मुताबिक, सबसे पुरानी पार्टी अली को उत्तर प्रदेश में अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार सकती है. यह सीट कांग्रेस ने अपनी सीट-बंटवारे की बातचीत में समाजवादी पार्टी से हासिल की थी.

दानिश अली ने पहले ही दे दिए थे कांग्रेस में शामिल होने के संकेत

14 मार्च को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अली ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस में शामिल होने के बारे में एक बड़ा संकेत दिया था. अमरोहा से मेरे दूसरे लोकसभा चुनाव के लिए बलिदान की प्रतीक सोनिया गांधी का आशीर्वाद पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. उनका दिल भारत के गरीबों के लिए धड़कता है. यह उनकी अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) थी जिसने मनरेगा, आरटीआई, शिक्षा का अधिकार, खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसे ऐतिहासिक गरीब समर्थक और पारदर्शिता कानून बनाए.”

दानिश अली भी मणिपुर में राहुल गांधी की अगुवाई वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए थे. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने टीएमसी सदस्य महुआ मोइत्रा का समर्थन करने और कथित ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों’ में शामिल होने के लिए दानिश अली को निलंबित कर दिया था. उस वक्त बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के अन्य सदस्य सदन में बैठे रहे.

कौन हैं दानिश अली?

बता दें कि मूल रूप से दानिश अली यूपी के हापुड़ के रहने वाले हैं. उनके दादा महमूद अली विधायक और फिर 1977 में हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद रहे. बता दें कि जामिया मिलिया इस्लामिया से पढ़ाई करने के बाद दानिश ने अपना राजनीतिक सफर जनता दल (सेक्यूलर) के साथ शुरू किया. धीरे-धीरे यूपी की राजनीति में दानिश का कद बढ़ता गया. साल 2019 में अली ने अमरोहा से बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की. इस चुनाव में उन्होंने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को बडे़ अंतर से हराया था. कहा जाता है कि कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल (सेक्यूलर) को मिलाने में दानिश की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. दानिश 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्हें अमरोहा से चुनाव लड़ने का मौका मिला था.

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हाल ही में दक्षिणी दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी की ओर से संसद में अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के बाद बसपा सांसद दानिश अली अचानक चर्चा में आ गए थे. इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ था. इस प्रकरण के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दानिश के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की थी. कहा जाता है कि तब से दानिश और कांग्रेस के बीच नजदीकी बढ़ने लगी.

इससे पहले अमरोहा में ही एक कार्यक्रम के दौरान दानिश अली “भारत माता की जय” का नारा लगाने पर चिढ़ गए. इस मुद्दे को लेकर खूब हंगामा हुआ था. दरअसल, कार्यक्रम के दौरान दर्शकों को संबोधित करते हुए बीजेपी एमएलसी हरि सिंह ढिल्लों ने “भारत माता की जय” का नारा लगाया. भारत माता की जय का नारा लगते ही मंच पर मौजूद बसपा सांसद नाराज हो गए और नारा लगाने पर विरोध जताया. उन्होंने कहा, ”यह कोई पार्टी का कार्यक्रम नहीं है. यह केंद्र का कार्यक्रम है. ऐसी नारेबाजी नहीं होनी चाहिए.” बसपा सांसद के बयान से लोग नाराज हो गए और उन्होंने लगातार “भारत माता की जय” और “बंदे मातरम” के नारे लगाए. इसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया.

 

 

 

 

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