Mukhtar Ansari: जेल में बंद मुख्तार अंसारी की अचानक तबीयत बिगड़ी, ICU में भर्ती, स्लो पॉइजन देने का लगाया था आरोप

Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार का इलाज मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में चल रहा है.
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माफिया मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक

Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. सूत्रों के मुताबिक, मुख्तार का इलाज मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में चल रहा है. हालांकि मुख्तार की तबीयत को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और जेल प्रशासन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है. दो दिन पहले ही मुख्तार अंसारी की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया था.

बता दें कि इससे पहले मुख्तार अंसारी ने गंभीर आरोप लगाया था, जिसमें उसने कहा था की जेल के भीतर उसे स्लो पॉइजन दिया गया है. जब 21 मार्च को बाराबंकी की MP-MLA कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी थी तो उसके वकील ने कोर्ट में एप्लीकेशन दिया था कि 19 मार्च की रात में उसे जहरीला पदार्थ दिया गया, जिसकी वजह से मुख्तार अंसारी की तबीयत खराब हो गई है. कृपया मेरा सही से डाक्टरों की टीम बनाकर इलाज करवाई जाए.

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जेल पहुंची थी डॉक्टरों की टीम 

इसके बाद कोर्ट ने मुख्तार के चेकअप के लिए दो डॉक्टरों के पैनल की टीम जेल पहुंची थी, इसमें एक फिजिशियन और एक ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट डॉक्टर शामिल थे. टीम ने चेकअप के बाद ब्लड टेस्ट कराया. वहीं रिपोर्ट आने पर कब्ज और दर्द की कुछ दवाइयां भी दी थी. डॉक्टरों ने जेल प्रशासन को बताया कि रोजा रहने के कारण ऐसा हो रहा है. भूख के बाद अचानक ओवरफीडिंग की वजह से मुख्तार को दिक्कत हो रही है. फिलहाल, उसका इलाज किया जा रहा है. जेल प्रशासन द्वारा मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट को भेजी गई.

जेल सुपरिटेंडेंट ने आरोप को बताया था बेबुनियाद 

बता दें कि इस मामले में सफाई देते हुए बांदा जेल के सुपरिटेंडेंट ने स्लो पॉइजन देने के आरोपों को खारिज कर दिया था. प्रशासन ने अपने बयान में कहा कि पहले एक सिपाही और फिर डिप्टी जेलर खाना खाता है, उसके बाद मुख्तार को दिया जाता है. जेल के 900 बंदी भी यही खाना खाते हैं. ऐसे आरोप बेबुनियाद हैं. सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो सीसीटीवी के साथ-साथ सिविल और PAC का कड़ा पहरा है. मैं खुद निगरानी करता हूं.

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