“विक्षिप्त व्यक्ति पार्टी का निर्देश नहीं सुन रहा तो…”, स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर सपा MLA मनोज पांडेय ने ये क्या कह दिया?

मनोज पांडेय ने कहा, "पार्टी ने उन्हें कई बार कहा है लेकिन अगर कोई विक्षिप्त व्यक्ति पार्टी का निर्देश नहीं सुन रहा है तो कोई कुछ नहीं कर सकता."
स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा नेता मनोज पांडे

स्वामी प्रसाद मौर्य, सपा नेता मनोज पांडे

Swami Prasad Maurya Remarks: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की जरूरत पर सवाल उठाया.उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ऐसे व्यवहार कर रही है जैसे उसके पहले रामलला का अस्तित्व ही नहीं था. उन्होंने कहा, “जब रामलला की पूजा हजारों वर्षों से हो रही है तो करोड़ों रुपये खर्च कर प्राण-प्रतिष्ठा का सवाल ही क्या है.”

उन्होंने कहा, “प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन भाजपा ने किया था और करोड़ों रामलला भक्तों को इसमें भाग लेने से रोक दिया गया था. वहां भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के अलावा कोई नहीं था.”

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मौर्य ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आपको रामलला की मूर्ति, जो तंबू में थी, मंदिर में स्थापित करनी चाहिए थी. प्राण-प्रतिष्ठा कहां से आई? क्या आप यह साबित करना चाहते हैं कि भगवान राम निर्जीव हो गए थे.” हालांकि, सपा ने अपने ही नेता के बयानों का बचाव नहीं किया. पार्टी के विधायक मनोज पांडेय ने कहा, “स्वामी प्रसाद जो भी कह रहे हैं, मैं उस पर टिप्पणी नहीं करूंगा. जो व्यक्ति अपनी मानसिक स्थिरता खो चुका है वह इस तरह बोलता रहेगा.”

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मनोज पांडेय ने कहा, “पार्टी ने उन्हें कई बार कहा है लेकिन अगर कोई विक्षिप्त व्यक्ति पार्टी का निर्देश नहीं सुन रहा है तो कोई कुछ नहीं कर सकता.” गौरतलब है कि पिछले महीने कथित तौर पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को धार्मिक मामलों पर टिप्पणी न करने की हिदायत दी थी. हालांकि इसके बाद भी मौर्य नहीं रुके. पिछले महीने, उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने के मुलायम सिंह यादव सरकार के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि “अराजक तत्वों पर गोलियां चलाना तत्कालीन सरकार का कर्तव्य था”.

बताते चलें कि मौर्य अपने हिंदू विरोधी विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पहले कहा था, “हिंदू एक धोखा है” और दिवाली के अवसर पर, उन्होंने देवी लक्ष्मी के अस्तित्व पर सवाल उठाकर हिंदू धर्म का अपमान किया और कहा, “चार हाथों से लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती हैं.”

 

 

 

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