Supreme Court: उत्तराखंड की जंगलों में भीषण आग लगी हुई है. इस मामले को लेकर एक याचिका पर आज एससी में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि उत्तराखंड सरकार आग को बुझाने में गंभीरता और शीघ्रता दिखाए. इस मामले में उत्तराखंड सरकार का रवैया त्वरित कार्रवाई का नहीं दिखा है.
राज्य के मुख्य सचिव को SC ने किया तलब
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि कई कार्य योजनाएं तैयार की जाती हैं, लेकिन उनके कार्यान्वयन के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को राज्य में जंगल की आग से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने के लिए 17 मई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया है.
जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने उनसे यह बताने को कहा कि चुनाव आयोग द्वारा दी गई छूट के बावजूद वन विभाग के कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में क्यों तैनात किया गया था.शीर्ष अदालत ने राज्य के वन विभाग में भारी रिक्तियों के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है.
यह भी पढ़ें: PM Modi के बयान पर बौखलाया पाक, भारत को दी गीदड़भभकी, बोला- हमारी रणनीतिक क्षमता का उद्देश्य…
आग बुझाने के लिए केंद्र से पैसे नहीं मिले: उत्तराखंड सरकार
उत्तराखंड में जंगल की आग पर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान वकील परमेश्वर ने कहा कि 40 फीसदी जंगल आग की चपेट में है. इसे बुझाया नहीं जा सका है. वकील को जवाब देते हुए उत्तराखंड के वकील ने कहा कि कोई नई आग नहीं लगी है. वकील ने आगे तर्क दिया कि राज्य सरकार को जंगल की आग से निपटने के लिए केंद्र से धन नहीं मिला है. इसमें आगे कहा गया, “केंद्र और राज्य की छह सदस्यीय समिति मदद कर सकती है ताकि इन आग पर काबू पाया जा सके. हम आग बुझाने की स्थिति में हैं. 9,000 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और 420 मामले दर्ज किए गए हैं. हम बैठक कर रहे हैं.