दिल्ली में राजनीतिक हलचल, 21 सितंबर को सीएम पद की शपथ ले सकती हैं आतिशी
अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा
अरविंद केजरीवाल ने इसे दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि वह लोगों के फैसले का सम्मान करते हैं और उनकी राजनीति की ईमानदारी पर विश्वास करते हैं. इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि वह तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक दिल्ली के लोग उन्हें ‘ईमानदारी का प्रमाणपत्र’ नहीं देते.
आतिशी का नामांकन
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है. आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, जिनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित इस पद पर रह चुकी हैं. सुषमा स्वराज का कार्यकाल मात्र 52 दिनों का था, जबकि शीला दीक्षित ने 15 साल तक इस पद पर कार्य किया.
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बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी ने केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह सिर्फ एक चेहरा बदलने की कोशिश है, और इससे आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार की छवि नहीं बदलेगी. बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने भी टिप्पणी की कि केजरीवाल के इस्तीफे से दिल्ली को किसी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी.
आतिशी की चुनौतियां
आतिशी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद दो प्रमुख लक्ष्यों की बात की है – दिल्ली के लोगों की बीजेपी की योजनाओं से रक्षा करना और अरविंद केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना. उन्होंने कहा कि उनका ध्यान इस समय दिल्ली की जनता की सेवा पर रहेगा और चुनावों के परिणामों के बाद ही उनका भविष्य तय होगा.