Chhattisgarh: सिस्टम की ऐसी लापरवाही, पाठ्य पुस्तक निगम के गोदाम में लाखों रुपए की किताबें हो रहीं रद्दी

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम की जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अंबिकापुर स्थित निगम के गोदाम में लाखों रुपए का किताब रद्दी हो रहा है. यहां करीब 10000 किताबें पहले से ही रद्दी होकर पड़ी हुई है.
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पुस्तकें हो रही रद्दी

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम की जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से अंबिकापुर स्थित निगम के गोदाम में लाखों रुपए का किताब रद्दी हो रहा है. यहां करीब 10000 किताबें पहले से ही रद्दी होकर पड़ी हुई है जिन्हें आने वाले दिनों में पाठय पुस्तक निगम टेंडर कर नीलाम करने वाला है, वहीं दूसरी तरफ 20000 से अधिक किताबें सात सालों से गोदाम में धूल खा रहे हैं.

सिस्टम की लापरवाही, गोदाम में रद्दी हो रही किताबें

छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को पाठय पुस्तक निगम के द्वारा मुफ्त में किताबें उपलब्ध कराई जाती हैं और इसके लिए शिक्षा विभाग के द्वारा पाठय पुस्तक निगम को किताब छपाई के लिए मांग पत्र भेजा जाता है जिसके आधार पर निगम के द्वारा किताबों की छपाई की जाती है, लेकिन इसके बाद भी पाठय पुस्तक के द्वारा इतनी अधिक किताबें छाप दी जा रही है कि गोदाम में किताब रद्दी हो जा रही हैं.

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अंबिकापुर पाठय पुस्तक निगम के गोदाम में करीब 10000 किताबें रद्दी होकर पड़ी हुई है जिन्हें आने वाले दिनों में कबाड़ में बेच दिया जाएगा. ठीक इसी तरीके से गोदाम में 2017-18 में प्रकाशित पाठ्य पुस्तक भी धूल खा रही है, इन किताबों को इसलिए छापा गया था कि निजी दुकानदारों को मार्केट में बेचने के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, लेकिन निजी दुकानदारों ने इन किताबों को नहीं खरीदा क्योंकि अधिकतर स्कूल निजी प्रकाशको की किताबें बच्चों को पढ़ा रहे हैं. ऐसे में पाठ पुस्तक निगम की किताबों की डिमांड नहीं के बराबर है और 7 साल से पड़े पड़े लाखों के किताब अब गोदाम में रद्दी होने के कगार में पहुंच गए हैं.

पाठय पुस्तक निगम के सभी गोदाम में इसी तरीके से लाखों रुपए की किताबें रद्दी होने के कगार में हैं, प्रदेश में से ऐसे छह गोदाम हैं. जहां करीब 1 लाख से अधिक किताबें धूल खा रहे हैं जो करीब एक करोड़ से अधिक की किताबें हैं.

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