मल्लिकार्जुन खड़गे को चुनाव आयोग का कड़ा संदेश, पत्र लिखकर जयराम रमेश और पवन खेड़ा की टिप्पणी पर जताई आपत्ति!
Haryana Election: हरियाणा में हुए हालिया विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 48 सीटें जीतकर एक बार फिर से अपनी स्थिति मजबूत की है, जबकि कांग्रेस को केवल 37 सीटों पर संतोष करना पड़ा. कांग्रेस के उम्मीदों को एक बार फिर से झटका लगा है.
नतीजों के बाद, कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने चुनावी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे “तंत्र की जीत और लोकतंत्र की हार” करार दिया. उन्होंने चुनाव आयोग पर गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं, जिसके चलते आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र भेजकर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को समय दिया है.
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने खड़गे को समझाते हुए कहा कि वे अप्रत्याशित नतीजों पर उनकी भावनाओं को समझते हैं, लेकिन कुछ नेताओं के बयानों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता. आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह के बयानों का लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और ये लोकतंत्र के मूल्यों के खिलाफ हैं.
आयोग ने आगे कहा कि हरियाणा के नतीजों को “अप्रत्याशित” बताने वाले कांग्रेस नेताओं के बयान को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने एक 12 सदस्यीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल से मिलने का समय निर्धारित किया है.
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कांग्रेस नेताओं के आरोप
चुनाव के नतीजे आने के तुरंत बाद, पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नतीजे चौंकाने वाले हैं और जमीनी हकीकत के विपरीत हैं. पवन खेड़ा ने बताया कि उन्हें मतगणना से संबंधित कई शिकायतें मिली हैं और उन्होंने कहा, “यह तंत्र की जीत है, लोकतंत्र की नहीं. हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते.”
जयराम रमेश ने भी यह स्पष्ट किया कि वे जल्द ही चुनाव आयोग में औपचारिक शिकायत दर्ज कराने का इरादा रखते हैं. उन्होंने कहा, “हमारे पास कई सीटें हैं जहां हमें हार नहीं माननी चाहिए थी, लेकिन परिणाम इसके विपरीत हैं. यह हरियाणा के लोगों की इच्छा के खिलाफ हैं और इन परिणामों को स्वीकार करना संभव नहीं है.”
हरियाणा के चुनाव परिणाम ने एक बार फिर से राजनीति के मैदान में हलचल पैदा कर दी है. बीजेपी ने जहां अपनी जीत की हैट्रिक लगाई, वहीं कांग्रेस के लिए ये नतीजे सोचने पर मजबूर करने वाले हैं. अब देखना यह होगा कि कांग्रेस चुनाव आयोग के सामने अपनी शिकायतों को कैसे पेश करती है और क्या ये नतीजे राजनीतिक समीकरणों को और बदलेंगे.