प्यार हुआ, इकरार हुआ… लेकिन शादी के मंडप तक नहीं पहुंच पाए Ratan Tata, ऐसा क्या हुआ था आखिर ?

रतन टाटा की प्रेम कहानी जिन्होंने प्यार किया उसका इकरार भी किया लेकिन यह प्यार अधूरा रह गया।
Ratan Tata

रतन टाटा

Ratan Tata: प्यार में फना हीर-रांझे की कहानी तो आपने सुनी होगी। लेकिन अधूरे प्यार के साथ जिंदगी जीने वालों की कहानी अक्सर छिपी रह जाती है, क्योंकि उनकी जिंदगी ही अधूरी रहती है। मगर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अधूरे प्यार को जिंदगी बना कर उसे दुनिया के लिए मिसाल बना देते हैं। ऐसे ही लोगों में से एक थे रतन टाटा। जिन्होंने प्यार किया उसका इकरार भी किया लेकिन यह प्यार अधूरा रह गया।

9 अक्टूबर की रात रतन टाटा का मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी सम्‍मानित 86 साल के रतन टाटा की जिंदगी जितनी खुशहाल दिखती थी, वह उतने ही अकेले रहे। दो देशों के बीच युद्ध के कारण सात-समंदर पार की उनकी प्रेम कहानी कभी पूरी ही नहीं हो पाई। जिसके बाद उन्होंने फिर कभी किसी से प्यार ही नहीं किया।

टाटा ट्रस्ट के मानद चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन पर आज हम उनकी अधूरी प्रेम की पूरी कहानी आपको बताएंगे। कैसे और कहां रतन टाटा को प्यार हुआ और क्यों उनकी शादी होते-होते रह गई।

कुंवारा रह कर प्यार को रखा जिन्दा…

बॉलीवुड से हॉलीवुड तक की कई एक्ट्रेस रतन टाटा से शादी करना चाहती थी, लेकिन रतन खुद कुंवारे रहना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने शादी नहीं करने का फैसला लिया। मगर ऐसा शुरू से नहीं था। उन्हें प्यार भी हुआ था और उन्होंने 7 जन्मों तक साथ रहने का फैसला भी किया था। बात शादी तक भी पहुंची, लेकिन हो नहीं पाई।

एक ओर जब 1962 में भारत-चीन का युद्ध छिड़ा हुआ था, वहीं दूसरी ओर अमेरिका के लॉस एंजलिस में जॉब कर रहे रतन टाटा को वहीं की लड़की से प्यार हो गया। प्यार परवान चढ़ा तो बात शादी तक पहुंच गई। लेकिन भारत में रह रहीं रतन की दादी की तबियत अचानक ख़राब हो गई। यही वो समय था जब उनका प्यार जिम्मेदारियों की सूली चढ़ गया।

रतन टाटा ने अपने मैनेजर शांतनु की स्टार्टअप Goodfellows की ओपनिंग के दौरान अपने अधूरे प्यार की कहानी साझा की थी। उन्होंने बताया था कि अमेरिका की एक कंपनी में काम करने के दौरान लॉस एंजिल्स में उन्हें प्यार हुआ था। दोनों शादी भी करने वाले थे। तभी अचानक भारत में उनकी दादी की तबियत ख़राब हो गई और उन्हें वापस भारत लौटना पड़ा।

टाटा को ये लगा था कि जिस महिला को वो प्‍यार करते हैं वह भी उनके साथ भारत आएंगी। लेकिन 1962 की भारत-चीन लड़ाई के कारण लड़की के माता-पिता ने उसे भारत नहीं आने दिया। जिसके बाद उनका रिश्‍ता टूट गया और टाटा अकेले भारत लौट आए। उनकी प्रेमिका ने वहीं किसी और से शादी कर ली।
रतन टाटा के प्यार की गहराई को ऐसे भी समझ सकते हैं कि उन्होंने कभी किसी भी इंटरव्यू में अपनी प्रेमिका का नाम नहीं बताया।

रतन टाटा की प्रेम कहानी की खोज में हमें कई ऐसे आर्टिकल भी मिलें, जिसमें उनकी 4 बार शादी तक बात पहुंचने और नहीं होने का जिक्र मिला, लेकिन कब और किससे यह कहीं नहीं लिखा।
अमेरिका में अपने प्यार को छोड़ कर आने के बाद उन्होंने देश के लिए काम किया। टाटा कंपनी शुरू की जो अब टाटा एम्पायर बन गया है।

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