Ram Jharna: उद्योग नगरी रायगढ़ से क्या है भगवान राम और माता सीता का कनेक्शन? आज भी हैं भगवान के भक्त हनुमान का वास!

Ram Jharna: पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल में पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां आये थे.
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राम झरना

Ram Jharna: छत्तीसगढ़ में रायगढ़ जिले का प्रमुख पर्यटन स्थल ‘राम झरना’ बहुत खास है. यह झरना प्रकृति प्रेमी और धार्मिक व्यक्तियों को विशेषकर लुभाता है. यह स्थान भगवान श्रीराम के वनवास काल से भी जुड़ा हुआ है.आसपास के लोग छुट्टी के दिन पिकनिक मनाने और घूमने के लिए यहां आना बहुत पसंद करते हैं.

रायगढ़ के राम झरना का पौराणिक इतिहास

भगवान श्रीराम से जुड़ी एक पौराणिक कथा हम सबने सुनी है कि वनवास के दौरान प्यास से व्याकुल पत्नी सीता के लिए उन्होंने धरती भेदकर पानी की धारा बहाई थी. यह स्थल छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में है. शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर खरसिया ब्लॉक में राम झरना एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. घने जंगल के भीतर एक प्राकृतिक जलकुंड है जो लगातार बह रहा है और लगभग डेढ़ किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है. लोगों का मानना है कि यहाँ के कुंड का पानी पीने से आंतरिक और बाहरी शारीरिक रोगों से राहत मिलती है.

पहले बुझती थी प्यास और अब उसी पानी से सैकड़ों एकड़ में खेती

करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बसे राम झरना का आकर्षण मुख्य द्वार से लंबा रास्ता होते हुए घने जंगल के अंदर प्राकृतिक रूप से बना जलकुंड है, जिसमें लगातार पानी बह रहा है. वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास में करीब दस साल का समय दंडकारण्य या छत्तीसगढ़ में बिताया था. ऐसा माना जाता है किं  राम झरना उन्ही में एक स्थान है जहाँ भगवान राम आये थे. इस जगह को देखने आसपास के लोग हर साल भारी संख्या में पहुंचते हैं.साथ ही मुख्य जलकुंड से निकलने वाला पानी आगे चलकर बड़े जलाशय में समाहित हो जाता है, जिससे प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई भी होती है.

क्या है मान्यता

पौराणिक मान्यता है कि भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास काल में पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां आये थे. तब चलते-चलते माता सीता का कंठ प्यास से सूखने लगा. उन्होंने प्रभु श्रीराम से आग्रह किया कि वे पानी का प्रबंध करें. दूर-दूर तक भटकने के बावजूद भी श्रीराम को जब पानी नहीं मिला तब उन्होंने बाण से धरती में छेद कर दिया. धरती माता ने भी तत्काल अपनी पुत्री की प्यास बुझाने को जल की धारा बहा दी. उस पानी से माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई और आशीर्वाद दिया कि इस झरने से हमेशा लोगों और जीव-जंतुओं की प्यास बुझती रहेगी. यह धारा आज भी लगातार बह रही है और इसे ही ‘राम झरना’ के नाम से जाना जाता है.

परमभक्त हनुमान आज भी हैं!

लोगों का मानना है कि भगवान राम के परम भक्त हनुमान आज भी यहां वानर के रूप में मौजूद हैं. रोजाना यहां हजारों की संख्या में लोग अपने परिवार के साथ आते हैं लेकिन उन्हें बंदर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. लोग उन बंदरों की भी भगवान राम का दूत मानकर सेवा करते हैं और उन्हें खाने के लिए फल आदि देते हैं.

राम झरना तक कैसे पहुंचे?

राम झरना आप कभी भी जा सकते हैं. यहां सड़क या रेल मार्ग, किसी भी रास्ते से जा सकते हैं. राम झरना से सबसे नजदीक हवाई अड्डा है बिलासपुर हवाई अड्डा, जिसकी दूरी लगभग 135 किलोमीटर है. यहां से सीधे ट्रेन लेकर 2 घंटे में रायगढ़ पहुंच सकते हैं. वहीं सड़क मार्ग की बात करें तो राम झरना राष्ट्रीय राजमार्ग 5 पर स्थित है, जो रायगढ़ से खरसिया और बिलासपुर से होकर जाता है. रायगढ़ से बिलासपुर के मध्य बस सेवाएं बहुत अच्छी हैं जो भूपदेवपुर और राम झरना से होकर जाती हैं. रायगढ़ शहर से निजी वाहन व नियमित चलने वाली बसों के जरिए भी राम झरना तक आसानी से पंहुचा जा सकता है.

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