HC के दखल के बाद महाकाल के प्रसाद पैकेट में हुए बड़े बदलाव, जानें क्या है पूरा मामला
Changes In Mahakal Bhog Prasad Packet: उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए जरूरी खबर है. अब मंदिर में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को नए डिजाइन वाले पैकेट में बाबा महाकाल का भोग प्रसाद मिलेगा. ये बदलाव MP हाई कोर्ट के निर्देश के बाद हुए हैं.
महाकाल के प्रसाद पैकेट में बदलाव
बाबा महाकाल का भोग प्रसाद पैकेट अब बदला हुआ नजर आएगा. दरअसल, पैकेट में बड़े बदलाव हो गए हैं. अब विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के भोग वाले पैकेट में महाकाल मंदिर के शिखर की तस्वीर नजर नहीं आएगी.
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद बदलाव
बाबा महाकाल के भोग प्रसाद पैकेट में ये बदलाव मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश के बाद किए गए हैं. दरअसल, पुराने भोग लड्डू पैकेट पर महाकाल मंदिर के शिखर का चित्र बना हुआ था. साथ ही ‘ॐ’ का चिन्ह भी था. इस पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
अप्रैल में दायर हुई थी याचिका
अप्रैल के महीने में MP हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में इसे लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिका में महाकाल प्रसाद पैकेट में मंदिर की शिखर फोटो को लेकर आपत्ति जताई गई थी. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया था कि प्रसाद के पैकेट को लोग सड़क और कचरे में फेंक देते हैं, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है. ऐसे में पैकेट से तस्वीर हटाई जानी चाहिए. आपत्ति पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जिला कलेक्टर और महाकाल पवन समिति को लड्डू प्रसाद के पैकेट से शिखर का फोटो हटाने के निर्देश दिए थे. इन निर्देशों के बाद अब बदलाव हो गए हैं.
पैकेट में हुए क्या बदलाव
अब महाकाल के प्रसाद पैकेट डिजाइन में बदलाव हो गया है. नए पैकेट में फूल और लड्डू की तस्वीर बड़ी कर दी गई है. बता दें कि बड़ी संख्या में लड्डू प्रसाद के नए पैकेट लड्डू यूनिट पर पहुंच चुके हैं.
रोजाना तैयार होता है 60 क्विंटल प्रसाद
जानकारी के मुताबिक महाकालेश्वर मंदिर में रोजाना 50-60 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार होता है. ये भोग प्रसाद 100 ग्राम से लेकर 1 किलो तक के पैकेट में मिलता है. बाबा महाकाल के प्रसाद की मांग सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है.
महाकाल के प्रसाद की जांच
हाल ही में प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद के विवाद के बाद महाकाल को भोग में लगने वाले लड्डुओं जांच की गई थी. FSSAI द्वारा इन लडड्ओं की 13 तरह की जांच हुई थी. इन जांचों में मंदिर के प्रसाद को शुद्ध पाया गया था.