CG News: पुलिस के डर से नेपाल में छिपा था संदीप लकड़ा हत्याकांड का मुख्य आरोपी, टेलीग्राम पर घरवालों से करता था बात

CG News: सरगुजा जिले के सीतापुर में हुए संदीप लकड़ा हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अभिषेक पांडे और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद पूछताछ में अभिषेक पांडे ने पुलिस के सामने बड़ा खुलासा किया.
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आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

CG News: सरगुजा जिले के सीतापुर में हुए संदीप लकड़ा हत्याकांड के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अभिषेक पांडे और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद पूछताछ में अभिषेक पांडे ने पुलिस के सामने बड़ा खुलासा किया.

पुलिस के डर से नेपाल में छिपा था संदीप लकड़ा हत्याकांड का मुख्य आरोपी

पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज हुआ, तो फरार हो गया था और वह भागकर अपनी बहन दामाद के घर बिलासपुर गया था, जहां उसने ₹5000 लिए और उसके बाद वह वहां से धमतरी चला गया था. जहां उसने एक कैब बुक किया और कैब ड्राइवर के साथ वह जगदलपुर चला गया. जगदलपुर में पहुंचने के बाद उसने कैब ड्राइवर की आईडी से मोबाइल सिम खरीदा. इसके बाद वह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में घूमता रहा. इस दौरान हुआ तिरुपति भी पहुंचा और वहां से उत्तर प्रदेश चला गया. इसके बाद जब उसे लगा कि भारत में रहने पर पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है तो वह नेपाल चला गया और नेपाल में भी वह किराए के होटल में रहने लगा लेकिन उसके पास मात्र ₹100000 ही था, ऐसे में वह काफी सस्ती होटल में रहता था और उसके साथ उसका ड्राइवर राजा यादव भी था. वह नेपाल में अलग-अलग शहरों में रुकता था, इस दौरान वह अपना पहचान छुपा कर होटल में रुकता था इसके लिए वह फर्जी आईडी का उपयोग कर रहा था. इस बीच वह अपने परिवार वालों और परिचितों से टेलीग्राम के माध्यम से बात करता था और इसकी जानकारी पुलिस को लगी, इसके बाद सरगुजा पुलिस ने नेपाल पुलिस के सहयोग से अभिषेक पांडे के जीरो प्वाइंट तक पहुंच गई लेकिन इसकी भी जानकारी आरोपी अभिषेक पांडे को लग गई और वह आत्मसमर्पण करने के लिए राजा यादव के साथ अंबिकापुर पहुंच गया और कोर्ट के सामने पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

अंबिकापुर कोर्ट के सामने से आरोपी गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आरोपी ने अपने अकाउंट से करोड़ों रुपए का लेनदेन किया लेकिन अब तक जांच पर साफ नहीं हुआ है कि उस पैसे का लेनदेन वह अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए किया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वह बड़ा ठेकेदार है इसलिए करोड़ों रुपए का लेनदेन उसके खाते से हुआ था. वही बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर सरगुजा पुलिस को जब पता चल गया था कि वह नेपाल में है तो आखिर उसे नेपाल में गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया या फिर जब वह नेपाल से निकलकर वापस भारत प्रवेश कर रहा था. तब भी उसे गिरफ्तार किया जा सकता था लेकिन उसे अंबिकापुर कोर्ट के सामने से गिरफ्तार किया गया.

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चोरी के शक में की थी संदीप लकड़ा की हत्या

बता दें कि ठेकेदार अभिषेक पांडे जल जीवन मिशन योजना के तहत करोडो रुपए का ठेका लेकर सीतापुर सहित सरगुजा संभाग में काम कर रहा था और राजमिस्त्री संदीप लकड़ा पर उसे शक था कि उसने निर्माण स्थल पर रखे गए सरिया की चोरी की है इसके बाद उसे चोरी की सजा देने के लिए वह उसके घर से उठाकर अपनी साथियों के साथ अपने दफ्तर में ले लाया था जहां उसके साथ बेदम मारपीट की गई थी और जब वह गंभीर हालत में बेहोश हो गया तो उसके हाथ पैर बांधकर उसे गोदाम में रात भर रख दिया गया था लेकिन सुबह उसकी मौत हो चुकी थी और जब मौत की जानकारी अभिषेक पांडे को मिली तो वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उसकी लाश को मैनपाट के एक गांव में निर्माणाधीन पानी टंकी के फाउंडेशन में दफन करवा दिया था.

वारदात को अंजाम देने के बाद अभिषेक पांडे सीतापुर थाने में संदीप लकड़ा के खिलाफ में ही चोरी का मामला दर्ज करवा दिया था और सीतापुर पुलिस अभिषेक पांडे के आरोपों पर संदीप लकड़ा की गिरफ्तारी के लिए उसकी खोजबीन कर रही थी, इतना ही नहीं संदीप लकड़ा की हत्या के बाद उसके मोबाइल फोन को अभिषेक पांडे के द्वारा अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दिल्ली सहित अन्य महानगरों में भेज दिया गया था और संदीप का लोकेशन मोबाइल के आधार पर बड़े महानगरों में पता चल रहा था  जिससे पुलिस और भ्रमित हो गई थी और पुलिस को लगने लगा था कि संदीप लकड़ा चोरी की घटना को अंजाम देने के बाद फरार है. वहीं दूसरी तरफ संदीप लकड़ा की पत्नी सहित अन्य परिजन अभिषेक पांडे पर अपहरण और हत्या का आरोप लगाकर केस दर्ज करने की मांग कर रहे थे लेकिन पुलिस उनकी बात नहीं मान रही थी और जब सीतापुर थाना के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया, लोगों ने हंगामा किया तब जाकर सीतापुर पुलिस ने इस मामले में अभिषेक पांडे और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. बता दें कि पूरे मामले में पुलिस ने अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.

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