‘वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए हमारी बैठक अहम’, चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता में बोले PM मोदी

BRICS Summit 2024: आखिरी बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच औपचारिक बैठक अक्टूबर 2019 में तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में हुई थी.
BRICS Summit 2024

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग

BRICS Summit 2024: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट का आज दूसरा दिन है. इससे इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई. दोनों नेताओं के बीच करीब 5 साल बाद यह औपचारिक वार्ता हो रही है. 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों देशों में मतभेद गहरा गए थे. ये बैठक ऐसे समय में होने जा रही है, जब लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के बीच पिछले चार सालों से चल रहा विवाद सुलझ गया है. अब रिश्तों में जमी बर्फ पिघलाने की ओर दोनों देश आगे बढ़ गए हैं.दोनों नेताओं के बीच ये बैठक करीब 50 मिनट तक चली है.

द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए हमारी बैठक अहम है. सीमा पर सहमति का स्वागत है. मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी.” जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग की बैठक चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है.

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2019 में हुई थी पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बैठक

आखिरी बार पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच औपचारिक बैठक अक्टूबर 2019 में तमिलनाडु के ऐतिहासिक शहर महाबलीपुरम में हुई थी. इससे पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. पीएम मोदी, ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान से भी मिले थे.

प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पहली बातचीत ब्राजील के फोर्टालेजा में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी. इस बैठक को कुटनीतिक हलकों में काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इस बैठक के बाद पीएम मोदी और शी जिनपिंग और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का एक मंच तैयार हो सका था. तब दोनों देशों ने एक दूसरे के लिए सहयोग बढ़ाने की बात कही थी.

इसके कुछ महीनों के बाद ही शी चिनपिंग की भारत की राजकीय यात्रा पर आए थे. ये तारीख 17 सितंबर, 2014 थी. इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, असैन्य परमाणु ऊर्जा और संपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की मांग की थी. हालांकि, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर चर्चा के दौरान दोनों देशों के बीच अनसुलझे सीमा मुद्दे बेनतीजा रहे.

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