दिल्ली में 26वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा की आकस्मिक योजना बैठक, भारतीय तटरक्षक बल ने की मेजबानी
Indian Coast Guard: भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने मंगलवार को नई दिल्ली में 26वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आपदा आकस्मिक योजना बैठक की मेजबानी की. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक की अध्यक्षता एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष महानिदेशक परमेश शिवमणि ने की. इस कार्यक्रम में विभिन्न मंत्रालयों, केंद्र और राज्य सरकारों, बंदरगाहों और तेल-हैंडलिंग एजेंसियों के लगभग 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इस बैठक में भारतीय जलक्षेत्र में संभावित तेल रिसाव की घटनाओं पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया देने के लिए राष्ट्र की तत्परता का मूल्यांकन करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. “जैसे-जैसे भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, शिपिंग के माध्यम से तेल आयात की मात्रा भी बढ़ रही है.
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समुद्री पर्यावरण को तेल रिसाव से बचाना आवश्यक है
भारतीय तटरक्षक द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, “रसायनों और अन्य खतरनाक सामग्रियों के परिवहन के साथ-साथ यह वृद्धि भारत के समुद्री क्षेत्रों, व्यापक समुद्र तट, तटीय समुदायों, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम प्रस्तुत करती है. केंद्रीय समन्वय एजेंसी, तटीय राज्यों, बंदरगाहों और अन्य हितधारकों के बीच व्यापक तैयारी सुनिश्चित करना हमारे समुद्री पर्यावरण को संभावित तेल रिसाव से बचाने के लिए आवश्यक है.”
आईसीजी महानिदेशक ने क्या कहा?
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक परमेश शिवमणी ने समुद्री तेल और रासायनिक रिसाव सहित क्षेत्रीय खतरों से निपटने के लिए आईसीजी की प्रतिबद्धता की पुष्टि की. उन्होंने साझेदारी बढ़ाने, समन्वय में सुधार करने और उभरती प्रौद्योगिकियों में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए हितधारकों के बीच मजबूत सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया.
इसके अलावा उन्होंने हाल ही में चेन्नई में माननीय रक्षा मंत्री द्वारा क्षेत्रीय समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया केंद्र के उद्घाटन पर भी प्रकाश डाला तथा क्षेत्र में प्रदूषण की घटनाओं के प्रबंधन के लिए आईसीजी की क्षमताओं को बढ़ाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया.