Chhattisgarh में धर्मांतरण को लेकर सियासी पारा हाई, उपराष्ट्रपति ने जताई चिंता, कांग्रेस बोली- यह डूब मरने वाली बात
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर सियासत कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार सियासत शुरू होने की वजह उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और बागेश्वर बाबा यानी पंडित धीरेंद्र शास्त्री का वह बयान है, जिसमें उन्होंने धर्मांतरण को नक्सलवाद से भी ज्यादा खतरनाक बताया है और बस्तर से पदयात्रा करने की बात कही है. इसका जहां सत्ता पक्ष यानी भाजपा समर्थन करते हुए नजर आ रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है की छत्तीसगढ़ पहले से अशांत है, और धर्म के नाम पर और जहर घोलने का प्रयास हो रहा है.
धर्मातंरण को लेकर उपराष्ट्रपति ने जताई चिंता
राज्योत्सव समापन के अवसर पर बुधवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्योत्सव के मंच से धर्मांतरण का जिक्र किया था. उप राष्ट्रपति ने प्रदेशवासियों धर्मांतरण के प्रति सचेत रहने की सलाह दी. उपराष्ट्रपति के सलाह के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत फिर से शुरू हो गई है.
यह डूब मरने वाली बात – कांग्रेस
कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा देश के उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर चिंता व्यक्त की, लगभग 11 साल से देश में बीजेपी की सरकार है. उसके बाद भी ऐसी चिंता करना डूब मारने वाली बात है. धर्मांतरण को लेकर उनकी सरकार है वह बहुत कुछ कर सकते हैं. फिर भी कुछ नहीं कर रहे और चिंता जता रहे हैं तो डूब मरने वाली स्थिति है.
ये भी पढ़ें- स्वास्थ्य सुविधा कहां है? ना नर्स, ना डॉक्टर; भगवान भरोसे अस्पताल में मरीज
अरुण साव ने किया पलटवार
कांग्रेस के बयान पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा यह कांग्रेस पार्टी का दोहरा चरित्र है. कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण होता है. छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस के सरकार थी तो हमने देखा किस तरीके से धर्मांतरण का खेल चला. हमारी सरकार अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए प्रतिबद्ध और काम कर रही है. वही उपमुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा मंत्री जी से जानना चाहता हूं धर्मांतरण की परिभाषा क्या है और किसे धर्मांतरण कहते हैं?कोई व्यक्ति देश के संविधान के अनुसार पूजा करने जाता है, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे जाता है तो उसे धर्मांतरण का नाम लेकर कांग्रेस को बदनाम करना चाहते हैं,ये बिल्कुल उचित नहीं है.
बहरहाल, पिछले कांग्रेस सरकार में भी बीजेपी ने बस्तर सहित प्रदेश में धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किए थे, हालांकि अब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, लेकिन अभी तक धर्मांतरण करवाने के नाम पर किसी पर कार्रवाई नहीं हुई है.वहीं बागेश्वर बाबा के पदयात्रा की घोषणा के बाद सियासी घमासान तेज हो गई है .अब देखना होगा आने वाले समय में इस यात्रा का प्रदेश की फिजा में कितना असर पड़ता है…??