Parliament Session: UPA सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर ‘श्वेत पत्र’ लाएगी मोदी सरकार, मनोज झा बोले- ‘व्हाइट पेपर नहीं ये व्हाइट एलिफेंट हैं’
Parliament Session: देश में अगले महीने चुनाव का ऐलान होने की संभावना है. लेकिन इससे पहले सियासी पारा चढ़ गया है और जमकर बयानबाजी हो रही है. सत्ता पक्ष और विपक्षी एक-दूसरे को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. अब आगामी चुनाव के लिहाज से मोदी सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों को घेरने की कोशिश शुरू कर दी है. UPA सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर मोदी सरकार द्वारा लाए जा रहे ‘श्वेत पत्र’ को इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.
इसपर RJD सांसद मनोज झा ने कहा, “ये व्हाइट पेपर व्हाइट एलिफेंट हो जाएगा. आपका वादा था कि 2 करोड़ प्रति वर्ष नौकरियां दी जाएंगी. तो आप कहां पहुंचे? तो ये व्हाइट पेपर नहीं व्हाइट एलिफेंट हैं वो भी ठीक चुनाव से पहले और व्हाइट एलिफेंट की आवश्यकता नहीं.” दरअसल, 2004 से 2014 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार रही थी. अब मोदी सरकार ने यूपीए के इसी दस साल के कार्यकाल पर श्वेत पत्र लाने का ऐलान किया है.
क्या है सरकार की तैयारी
सरकार द्वारा संसद में श्वेत पत्र 9 या फिर 10 फरवरी को पेश किया जाएगा. सरकार इस श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन के अलावा अपने सरकार के दौरान उठाए गए सकारात्मक कदमों बारे में बताएगी. इसमें पूर्व की यूपीए सरकार की आर्थिक दुर्गति के कारण अर्थव्यवस्था पर हुए उसके नकारात्मकत प्रभावों को विस्तार से बताया जाएगा.
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दरअसल, बीते दिन संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘बीजेपी यूपीए के कार्यकाल के मुकाबले अपने 10 साल की कामयाबियों को जनता के बीच रखेगी.’ यानी देखा जाए तो अब आगामी चुनाव में मोदी सरकार के दस साल और यूपी सरकार के दस साल की तुलना करने की रणनीति नजर आ रही है. जिसकी तस्वीर उस दिन संसद में पीएम मोदी के जवाब में दिख गई थी.