Jharkhand Results: हेमंत सोरेन तोड़ेंगे 24 साल का रिकॉर्ड, सहानुभूति फैक्टर और आदिवासी अस्मिता ने करवाई वापसी!

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भी सियासत में कदम रखा. उन्होंने गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचीं. कल्पना के आने से हेमंत सोरेन की राजनीति को और मजबूती मिली.
Hemant Soren

हेमंत सोरेन

Jharkhand Results: झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन 24 साल का रिकॉर्ड तोड़ने जा रहे हैं. राज्य में पहली बार कोई मुख्यमंत्री मजबूती के साथ सत्ता में वापसी करता नजर आ रहा है. झारखंड विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है. रुझानों की बात करें तो इंडिया गठबंधन 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि बीजेपी गठबंधन 25 सीटों पर आगे है. जेएमएम की बात करें तो यह लगभग 31 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. 81 सीटों की विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए, जिसे इंडिया ब्लॉक काफी पीछे छोड़ चुका है.

हेमंत के लिए जेल जाना शुभ साबित हुआ

झारखंड के रुझानों के बाद हेमंत सोरेन की वापसी के पीछे कारणों की तलाश शुरू हो गई है. सियासी पंडितों का मानना है कि हेमंत के लिए जेल जाना शुभ साबित हुआ. इसके साथ ही आदिवासी अस्मिता को लेकर उनकी मुहिम ने भी असर दिखाया. इसके अलावा, आखिरी वक्त में चंपई सोरेन और सीता के पाला बदलने का भी जेएमएम को फायदा होता दिख रहा है.

काम कर गया आदिवासी अस्मिता का दांव

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी ने राज्य में सियासी भूचाल ला दिया था. ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेन ने दांव खेलते हुए राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया. चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाकर हेमंत जेल चले गए. इधर, पार्टी ने हेमंत की गिरफ्तारी को आदिवासी अस्मिता से जोड़ दिया. यह दांव काम कर गया, और हेमंत के खिलाफ जो भी नकारात्मक लहर थी, वह सहानुभूति में बदल गई.

कल्पना की एंट्री ने महिला वोटरों को खींचा

हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने भी सियासत में कदम रखा. उन्होंने गांडेय सीट से उपचुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचीं. कल्पना के आने से हेमंत सोरेन की राजनीति को और मजबूती मिली. जानकारों का कहना है कि कल्पना ने महिला वोटर्स को जेएमएम की ओर आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई.

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करीबियों ने छोड़ा साथ, लेकिन डटे रहे हेमंत

लोकसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थाम लिया. वहीं, जेल से वापसी के बाद जब हेमंत ने सरकार की कमान वापस अपने हाथ में ली, तो चंपई सोरेन नाराज होकर बीजेपी के खेमे में चले गए. हेमंत सोरेन ने इसे मुद्दा बनाते हुए बीजेपी पर परिवार और पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया.

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