Chhattisgarh News: कभी था कांग्रेस का गढ़ अब है BJP का राज, जानें महासमुंद लोकसभा का पूरा समीकरण
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ का महासमुंद लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट माना जाता है. यह संसदीय सीट कभी कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन पिछले तीन चुनाव से यानि की 2009, 2014 और 2019 आम चुनाव में यहां बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है. इस लोकसभा सीट में तीन जिले महासमुंद, धमतरी और गरियाबंद की आठ विधानसभा सीटें शामिल है. इनमें महासमुंद जिले की सरायपाली, महासमुंद, बसना, गरियाबंद जिले की राजिम, खल्लारी और बिंद्रानवागढ़ वहीं धमतरी जिले की कुरूद विधानसभा भी शामिल है.
2014 का चुनाव रहा सबसे ज्यादा चर्चित
वर्ष 1952 से अब तक महासमुंद में कुल 18 चुनाव हुए हैं. इनमें 12 बार कांग्रेस और कांग्रेस (आई) ने चुनाव जीता है. वहीं, एक बार 1989 के चुनाव में विद्याचरण शुक्ल जनता दल की टिकट पर जीते थे, जबकि भाजपा व जनता पार्टी यहां से पांच बार चुनाव जीतने में सफल रहीं है. इन 18 चुनावों में 2014 का लोकसभा चुनाव सबसे ज्यादा चर्चा में रहा. दरअसल, 2014 के चुनाव में भाजपा ने चंदूलाल साहू और कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व अजीत जोगी को प्रत्याशी बनाया था. भाजपा प्रत्याशी का वोट काटने यहां हमनाम प्रत्याशी उतारे गए थे. भाजपा व निर्दलीय सहित आठ चंदूलाल जबकि तीन चंदू राम साहू थे. कुल 11 चंदू मैदान में थे. चंदू नाम के 11 प्रत्याशी होने के बावजूद अजित जोगी महज 1217 वोटों से हार गए थे.
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स्व विद्याचरण शुक्ल 6 बार जीते चुनाव
बता दें कि छत्तीसगढ़ की महासमुंद लोकसभा सीट पर 2014 से पहले ये रिकॉर्ड रहा है कि किसी पार्टी को लगातार दो बार जीत नहीं मिली थी. लेकिन भाजपा के चंदूलाल साहू ने इस मिथक को तोड़ने में कामयाबी पाई. इस सीट पर विद्याचरण शुक्ल ने सर्वाधिक 6 बार जीत हासिल की तो वहीं भाजपा के चंद्रशेखर साहू के नाम 3 बार हारने का भी रिकॉर्ड दर्ज है.
विद्याचरण शुक्ल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत इसी लोकसभा से की थी. बतौर सांसद अपने नौ कार्यकाल में से विद्याचरण ने अपने पहले चुनाव समेत छह चुनाव महासमुंद से ही जीते. वर्ष 2004 में जब उन्होंने भाजपा में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी, तो वे इसी निर्वाचन क्षेत्र में लौटकर आए. तब वे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अजीत जोगी से हार गए थे. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल भी इस सीट से 1999 में चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं.