Madhya Pradesh में जर्मन एक्सपर्ट्स और इंडियन टेक्नोलॉजी मिलकर खोलेंगे औद्योगिक विकास के नए द्वार
Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास को पंख लगने वाले हैं. न सिर्फ देश बल्कि विदेश से भी अब निवेशक एमपी में निवेश करने में रुचि ले रहे हैं. बड़ी संख्या में विदेश के निवेशकों का मध्य प्रदेश की ओर ध्यान लाने के लिए CM मोहन यादव इन दिनों विदेश दौरे पर हैं. जर्मनी में CM मोहन यादव ने कहा कि जर्मन एक्सपर्ट्स और इंडियन टेक्नोलॉजी मिलकर मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास के नए द्वार खोलेंगे.
औद्योगिक क्रांति के नए द्वार
CM डॉ. मोहन यादव ने कहा- ‘जर्मन एक्सपर्ट्स और हमारी नई टेक्नोलॉजी से हम मध्य प्रदेश में औद्योगिक क्रांति के नए द्वार खोलेंगे. इस संबंध में जर्मनी की बवेरिया स्टेट के चांसलर डॉ. हरमन के साथ विस्तार से बात हुई है. मध्य प्रदेश में आबादी के रेशों में जर्मनी एक्सपर्ट्स वे मध्य प्रदेश भेजेंगे और हम टेक्नोलॉजी उपलब्ध करवाएंगे. दोनों देश आपसी समन्वय से मध्य प्रदेश में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित होंगे.’ उन्होंने आगे कहा- ‘जर्मनी टेक्नोलॉजी का मध्य प्रदेश से पुराना संबंध रहा है. दुनिया में यह अलग-अलग ढंग से जानी जाती है.’
गर्मजोशी से स्वागत
CM डॉ. मोहन यादव एवं औद्योगिक प्रतिनिधि मंडल का जर्मनी के म्यूनिख पहुंचने पर भारत के महावाणिज्यदूत श्री शत्रुघ्न सिन्हा और भारतीय संघ के अध्यक्ष राणा हरगोविंद सिंह एवं प्रवासी भारतीयों ने गर्मजोशी से स्वागत किया.
जर्मन भाषा के लिए खोलेंगे ‘लैंग्वेंज इंस्टीट्यूट’
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने म्यूनिख स्थित राज्य चांसलरी बावेरियन राज्य सकार के राजनैतिक नेतृत्व के साथ संवाद किया. जर्मनी और मध्य प्रदेश सरकार के समन्वय से रोजगार के नए आयाम स्थापित किये जाएंगे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 8.50 करोड़ की छोटी सी जनसंख्या वाला देश जर्मनी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तकनीकी दक्षता के साथ जिस स्वरूप में दुनिया के सामने उभरा वो आदर्श है. जर्मनी में काम के अनेक अवसर तो हैं, परंतु भाषाई चुनौती भी सामने है, जिस पर भी हमें काम करना है. इसे दूर करने के लिए हम मध्य प्रदेश में ‘लैंग्वेंज इंस्टीट्यूट’ खोलने की योजना बना रहे हैं, जिससे रोजगार के अवसरों के लिए भाषा चुनौती नहीं बनें और मध्य प्रदेश तथा जर्मनी के अधिकारियों के मध्य समन्वय के साथ भाषाई सहजता से काम हो सके.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- ‘जर्मनी पांचवी अर्थव्यवस्था के रूप में आज दुनिया के सामने है. यह अपने आप में प्रमाण है कि जर्मनी से सीखने के लिए बहुत कुछ है. हिन्दुस्तान के जर्मन के साथ अतीत से मधुर संबंध है. मैक्सम्यूलर ने हमारे वेदों का संस्कृत भाषा से अनुवाद करके जर्मनी के माध्यम से दुनिया के सामने हमारे प्राचीन ज्ञान को प्रकट किया था. अतीत के संबंध से इनकी अच्छाईयों और टेक्नोलॉजी को सीखते हुए मध्यप्रदेश और बवेरियां राज्य समन्वय के साथ आगे बढ़ेंगे.’
औद्योगिक विकास के लिए जर्मन टेक्नोलॉजी का सहयोग
CM मोहन यादव ने कहा- ‘जर्मनी के टेक्नीकल स्टाफ के माध्यम से इंजीनियरिंग, पॉलेटेक्निक, आईटीआई जैसे टेक्निकल क्षेत्र में हमारे उद्योगपति लाभ ले सकेंगे. खासकर ऑटोमोबाइल क्षेत्र में जर्मन टेक्नोलॉजी की उन्नत स्तर की है. तकनीकी दृष्टि से गाड़ियां उन्नत हैं. हम जानते हैं इसमें कई चुनौतियां भी सामने आएंगी, एक दूसरे के तकनीक अनुभवों को साझा करते हुए हम आगे बढ़ेंगे. अपने व्यावसायिक दौरे के पश्चात एक बड़ा वैश्विक कॉन्क्लेव भोपाल में करने वाले हैं. उसमें हमने जर्मन के प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों को आमंत्रित भी किया है. दोनों राज्यों में अधिकारियों को एक दूसरे राज्य में भेजने में ब्यूरोकेट्स लेवल में जो कठिनाईयां आती हैं, उन कठिनाईयों को हम भी कम करेंगे और वे भी कम करेंगे. इससे व्यापार और व्यवसाय की राह में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने में मदद मिलेगी. मैं यह पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हमारी यह मीटिंग उम्मीद से ज्यादा अच्छी रही है.’