क्या है PROBA–3 मिशन और क्यों है जरूरी, 4 दिसंबर को ‘ISRO’ करेगा ऐतिहासिक लॉन्चिंग
PROBA–3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) 4 दिसंबर को अपने PSLV -XL रॉकेट की मदद से प्रोबेबिलिटी मिशन को लॉन्च करने जा रहा हैं . इस मिशन के दो मुख्य उद्देश्य हैं. पहला सूरज के कोरोना की स्टडी करना. दूसरा एक साथ मल्टी सैटेलाइट मिशन से संबंधित तकनीक की काबिलियत को दिखाना. ISRO 4 दिसंबर को अपने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की मदद से प्रोबेबिलिटी मिशन की ऐतिहासिक लॉन्चिंग करेगा. इस मिशन को PSLV-C59/PROBA-03 नाम दिया गया है. भार
क्या है PROBA –3 मिशन
PROBA –3 मिशन ISRO का एक अत्याधुनिक मिशन है, जिसे सूर्य के बाहरी वातावरण, यानी सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है. PROBA –3 सूर्य के कोरोना का 3D अध्ययन करने वाला पहला मिशन है, जो सूर्य के बाहरी वातावरण और उसकी गतिविधियों को समझने में मदद करेगा. इस मिशन में 2 सैटेलाइट होंगे, जो एक-दूसरे के साथ सिंक्रोनाइज होकर सूर्य के आसपास अपनी कक्षा में काम करेंगे.
कैसे होगा इस मिशन में काम?
PROBA –3 मिशन में 2 सैटेलाइट 150 मीटर की दूरी पर समानांतर उड़ान भरेंगे और सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेंगे. एक सैटेलाइट में कोरोनाग्राफ होगा और दूसरे में ऑकल्टर, जो सूर्य की चमक को छिपाएगा. ये सैटेलाइट हर दिन 6 घंटे साथ उड़ेंगे फिर अलग होकर दोबारा जुड़ेंगे. लेजर की मदद से ये अपनी स्थिति बनाए रखेंगे और टकराव से बचेंगे. अलग-अलग उपकरणों का उपयोग फीके सौर संकेतों का बेहतर अध्ययन करने में मदद करेगा.
क्या है PROBA–3 मिशन का उद्देश्य
PROBA –3 मिशन का उद्देश्य सूर्य के कोरोना की संरचना, तापमान, और उसकी गतिविधियों का विश्लेषण करना है. इसकी मदद से सूर्य की सतह पर होने वाले सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के कारण अंतरिक्ष मौसम पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा. इसके साथ ही इसका उद्देश्य सूर्य से निकलने वाली सौर हवा की गति, तापमान, और घनत्व का विश्लेषण करना भी है। इससे भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सूर्य के अध्ययन में प्रमुख स्थान मिल सकता है.
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कब होगा लॉन्च
भारतीय समयानुसार मिशन को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 4 दिसंबर को शाम 4 बजकर 8 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा. अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए 28 नवंबर रात 08:00 बजे से रजिस्ट्रेशन शुरू होगा.
इस मिशन से क्या फायदे होंगे
PROBA –3 मिशन सफल होने पर सूर्य के सक्रिय क्षेत्रों का अध्ययन करने से अंतरिक्ष मौसम के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी, जो सैटेलाइट, अंतरिक्ष यानों और पृथ्वी पर संचार प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है. इससे सूर्य के विस्फोटों और उसके प्रभाव को समझने से पृथ्वी पर होने वाली प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूचाल, विद्युत आपूर्ति में गड़बड़ी और सैटेलाइट पर प्रभाव को कम किया जा सकता है. इस मिशन की सफलता ISRO के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी.
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