Sambhal Violence: संभल जाने के ऐलान पर सपा प्रदेश अध्यक्ष हुए नजरबंद, अखिलेश ने कहा- प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार की नाकामी

Sambhal Violence: समाजवादी पार्टी का एक डेलिगेशन जिसमें नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, 5 सांसद और 4 विधायक शामिल हैं. मगर अब लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है.
Mata Prasad Pandey

खनऊ में माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है.

Sambhal Violence: शनिवार को संभल हिंसा की जांच के लिए समाजवादी पार्टी का एक डेलिगेशन वहां जाने वाला था. इसका ऐलान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पहले ही किया था. इस डेलिगेशन में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय, 5 सांसद और 4 विधायक शामिल हैं. मगर अब लखनऊ में माता प्रसाद पांडेय के घर के बाहर पुलिस की तैनाती कर दी गई है. वहीं, सपा ने दावा किया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को उनके ही घर में नजरबंद किया गया है.

 

सपा नेता को नजरबंद करने को लेकर पुलिस ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है. इधर, घर के बाहर फोर्स लगाने पर माता प्रसाद ने कहा- हम किसी को भड़काते नहीं हैं. बिना किसी नोटिस और जानकारी के उन्होंने मेरे घर पर पुलिस तैनात कर दिया है. मैं पार्टी कार्यालय जाऊंगा और तय करूंगा कि आगे क्या करना है.

वहीं, मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने नेताओं से अपिल की है कि वह संभल अभी न आएं. कमिश्नर ले कहा है- संभल में अभी माहौल शांत बना हुआ है. जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग हमारी बात को समझें. अभी संभल न आएं.

इधर, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद को नोटिस दिया गया है. जिसे माता प्रसाद ने खुद नोटिस को पढ़ा. इस नोटिस लिखा था कि कोई सामाजिक या आसामाजिक संगठन का आदमी संभल की सीमा में प्रवेश नहीं करेगा.

सपा का दावा-प्रदेश अध्यक्ष को किया नजरबंद

समाजवादी पार्टी ने यह दावा किया है कि संभल हिंसा के जांच के लिए बनाई गई प्रतिनिधिमंडल को वहां जाने से योगी सरकार डर गई है. सत्ता के इशारे पर पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल को घर में नजरबंद कर दिया गया है. भाजपा संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है.

 

भाजपा हार चुकी है- अखिलेश यादव 

सपा नेताओं को नजरबंद करने और उनपर प्रतिबंध लगाने पर अखिलेश यादव ने बीजेपी को हारा हुआ बताया है. अखिलेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- ‘भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है. ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता… सच्ची कार्रवाइ करके अधिकारियों को बर्ख़ास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुक़दमा भी चलना चाहिए. भाजपा हार चुकी है.’

इन नेताओं का घर पहुंची पुलिस

सपा से असमोली विधायक पिंकी यादव के घर पलिस पहुंची है. वहीं, मुरादाबाद में सपा सांसद रुचिवीरा के घर भी पुलिस पहुंची है. बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मी भी उनके घर के बाहर तैनात की गई है. रुचिवीरा भी सपा के उस डेलिगेशन का हिस है, जिसको संभल जाना था.

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संभल में धारा-163 लागू, इंटरनेट सेवा बहाल

बता दें, संभल में डीएम ने धारा-163 लागू कर दी है. अब इस धारा के तहत संभल में 5 लोग बिना अनुमति के इकट्‌ठा नहीं हो सकेंगे. इससे पहले, डीएम ने एक दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा रखा है.

इधर, जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को इलाके में इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में भी संभल मामले पर सुनवाई हुई है. CJI की बेंच ने आदेश दिया कि मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट नहीं खुलेगी. ट्रायल कोर्ट से कहा कि 8 जनवरी तक केस में कोई एक्शन न लिया जाए.

 

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