नई नवेली सांसद प्रियंका गांधी का ‘फिलिस्तीन’ प्रेम, तरबूज वाला हैंडबैग लेकर पहुंचीं संसद तो कट गया बवाल!
Priyanka Gandhi Palestine Bag: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में एक खास हैंडबैग लेकर पहुंचीं. इस बैग पर “Palestine” (फिलिस्तीन) शब्द के साथ कई प्रतीक बने थे, जिनमें एक तरबूज भी शामिल था, जिसे फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है. प्रियंका गांधी ने इस बैग के जरिए फिलिस्तीनी लोगों के प्रति अपनी एकजुटता दिखाई.
हमेशा फिलिस्तीनियों के लिए आवाज़ उठाती हैं प्रियंका
प्रियंका गांधी हमेशा से गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फिलिस्तीनियों के साथ अपनी सहानुभूति व्यक्त करती रही हैं. पिछले दिनों दिल्ली में फिलिस्तीनी दूतावास प्रमुख आबिद अलरजाक अबू जाजर ने प्रियंका से मुलाकात की और उन्हें चुनावी जीत के लिए बधाई भी दी.
इससे पहले, जून में प्रियंका ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी और उनकी सरकार पर बर्बरता का आरोप लगाया था. उनका यह बयान नेतन्याहू के अमेरिकी कांग्रेस को दिए गए उस भाषण के बाद आया था, जिसमें उन्होंने गाजा में इजरायली सैन्य कार्रवाई को सही ठहराया था. प्रियंका गांधी ने कहा था कि अब केवल गाजा में मारे जा रहे नागरिकों, बच्चों, डॉक्टरों, नर्सों और अन्य निर्दोष लोगों के लिए आवाज उठाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह हर सही सोच वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इस नरसंहार का विरोध करे.
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस बारे में पोस्ट किया था. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया की हर सरकार और इजरायली नागरिकों की यह जिम्मेदारी है कि वे इजरायली सरकार की हिंसक कार्रवाइयों की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए दबाव डालें.
यह भी पढ़ें: “मुख्यमंत्री बनने के बाद ऐसा रवैया क्यों?”, उमर अब्दुल्ला के EVM वाले बयान पर कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी ने लगाया ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ का आरोप
हालांकि, अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संसद में फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आने से विवाद छिड़ गया है. बीजेपी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘मुस्लिम तुष्टिकरण’ का उदाहरण बताया है. इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.
कुछ इंटरनेट यूजर्स ने प्रियंका के इस कदम को लेकर सवाल उठाए. एक यूजर ने कहा कि प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के प्रति अपनी सहानुभूति दिखाने के लिए एक विशेष बैग ले आईं. वहीं, एक अन्य यूजर ने ‘विजय दिवस’ के दिन प्रियंका द्वारा हमास जैसे संगठन का समर्थन करने के प्रतीक के रूप में बैग के चयन को गलत बताया. यह दिन भारत के लिए खास है क्योंकि इस दिन भारत ने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना को हराया था.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी कहा कि अगर प्रियंका गांधी भारत की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक लेकर आई होतीं, तो यह ज्यादा उपयुक्त होता.