‘कामसूत्र’ में काम करने के लिए कैसे तैयार हुईं रेखा? बोल्डनेस की वजह से थिएटर में बैन हो गई थी फिल्म
Bollywood: साल 1996 में मीरा नायर की फिल्म कामसूत्र: ए टेल ऑफ लव (Kama Sutra: A Tale of Love) ने भारतीय सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई. यह फिल्म न केवल रोचक विषय के लिए जानी जाती है, बल्कि इसकी अद्भुत कास्टिंग और जटिल कहानी भी दर्शकों को आकर्षित करती है. खासकर बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रेखा (Rekha) की भूमिका ने इस फिल्म को और भी चर्चित बना दिया था. फिल्म की कहानी, सेटिंग और उसका हर पहलू बोल्ड था, जिसे लेकर काफी विवाद भी हुआ. हालांकि यह फिल्म सिनेमाघरों में नहीं रिलीज हो पाई, लेकिन इसका प्रभाव अब भी महसूस किया जाता है, खासकर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर.
कहानी की शुरुआत
कामसूत्र की कहानी 16वीं सदी के एक भारतीय साम्राज्य की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहां सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों की जटिलताएं जीवन का अहम हिस्सा होती हैं. फिल्म की मुख्य कहानी एक राजकुमारी तारा और उसकी नौकरानी माया के इर्द-गिर्द घूमती है. खैर मैं फिल्म की कहानी नहीं बताऊंगा, वो या तो आप जानते होंगे या फिर फिल्म देखकर समझ सकते हैं.
रेखा ने कैसे किया था हां?
कथित तौर पर रेखा ने कामसूत्र में काम करने के लिए पहले इनकार कर दिया था. यह फिल्म उनके लिए एक बिल्कुल नया अनुभव था, क्योंकि इससे पहले वह कभी इतने बोल्ड और संवेदनशील विषय पर काम नहीं की थीं. फिल्म के निर्माता और निर्देशक मीरा नायर ने रेखा को इस फिल्म में एक खास भूमिका ऑफर की थी, जिसमें उन्हें कामसूत्र की शिक्षिका, रासा देवी का किरदार निभाना था. रेखा ने पहले इस प्रस्ताव को लेकर संकोच किया, क्योंकि फिल्म का विषय और उसके कंटेंट काफी अलग और बोल्ड थे.
मीरा नायर ने रेखा से कहा कि इस भूमिका के जरिए वह कुछ नया और प्रभावशाली कर सकती हैं. बॉलीवुड को करीब से जानने वाले लोगों की मानें तो रेखा को उस समय कुछ पैसों की जरूरत थी. इस वजह से उन्होंने फिल्म में काम करने के लिए हामी भर दी.
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रेखा का अद्भुत अभिनय
फिल्म में रेखा का किरदार रासा देवी का था, जो एक कुशल कामसूत्र की शिक्षिका होती है. यह किरदार रेखा ने इतनी बेहतरी से निभाया कि वह इसके साथ पूरी तरह से जुड़ गईं. रेखा ने इस फिल्म में एक ऐसा रोल अदा किया, जो पूरी तरह से उनके पुराने चित्रण से बिल्कुल अलग था. रेखा का कामसूत्र शिक्षक के रूप में किया गया प्रदर्शन न केवल उनकी अभिनय क्षमता का प्रमाण था, बल्कि यह भी दर्शाता था कि वह किसी भी चुनौतीपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने के लिए तैयार थीं.
रासा देवी का पात्र फिल्म के केंद्रीय विचार को प्रस्तुत करता है— प्रेम, आनंद और शरीर के साथ तालमेल बैठाना. रेखा ने इस चुनौतीपूर्ण और बोल्ड रोल में अपने अभिनय के जरिए यह साबित कर दिया कि वह किसी भी रूप में दर्शकों के सामने निखर सकती हैं. हालांकि फिल्म के बोल्ड कंटेंट ने इसे लेकर विवाद पैदा किया.
फिल्म की बोल्डनेस और विवाद
कामसूत्र फिल्म में न केवल शारीरिक प्रेम को दिखाया गया, बल्कि यह फिल्म महिलाओं की स्वतंत्रता, उनके सेक्सुअलिटी और उनके अधिकारों पर भी गहरी बातें करती है. फिल्म में दिखाए गए सेक्स सीन और कामसूत्र की शिक्षा ने इसे एक बेहद बोल्ड फिल्म बना दिया. इसका कारण था कि इस तरह के विषय और दृश्य भारतीय सिनेमा में बहुत ही कम देखने को मिलते थे. जबकि भारतीय समाज में सेक्स के विषय पर बात करना अब भी एक टैबू जैसा माना जाता है, कामसूत्र ने इस मुद्दे को पूरी तरह से खोलकर रख दिया.
फिल्म में तारा और माया के रिश्ते के बीच की गहरी भावनाओं के साथ-साथ प्रेम और शारीरिक संबंधों को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. यह फिल्म एक नारी के सेक्सुअल इन्क्वायरी और उसकी आत्मनिर्भरता की कहानी है. हालांकि यह फिल्म अपनी रचनात्मकता के लिए सराही गई, लेकिन भारतीय सिनेमा में इसे विवादों और आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा. दरअसल, यह फिल्म सिनेमाघरों में कभी रिलीज नहीं हो पाई, क्योंकि इसके बोल्ड कंटेंट और भरे हुए सेक्स सीन के चलते इसे सेंसर बोर्ड ने प्रतिबंधित कर दिया गया था.
डिजिटल युग में ‘कामसूत्र’
आज से कई साल बाद जब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर इस फिल्म को देखा गया, तो उसकी लोकप्रियता ने एक नया मुकाम हासिल किया. फिल्म का ट्रेलर यूट्यूब पर जब से अपलोड हुआ, उसने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए. यह ट्रेलर अब तक के तीसरे सबसे ज्यादा देखे जाने वाले ट्रेलरों में से एक बन गया था.