कस्टम मिलिंग घोटाला, High Court ने जेल में बंद रौशन चंद्राकर की जमानत याचिका की खारिज
CG News: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली के आरोपी राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर की मेडिकल आधार पर नियमित जमानत हेतु पेश आवेदन को खारिज किया है. कोर्ट ने जेल प्रशासन को उपचार सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
हाईकोर्ट ने रौशन चंद्राकर की जमानत याचिका की खारिज
ईडी ने कस्टम मिलिंग में लेवी वसूली एवं मनी लॉड्रिंग मामले में प्रदेश के राइस मिलरों से पूछताछ की गई. इस में राइस मिलर एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष द्बारा प्रति क्विंटल के हिसाब से लेवी वसूली करने की बात सामने आई. ईडी ने विवेचना उपरांत 14 अक्टूबर 2023 को रौशन चंद्राकर सहित अन्य के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है. इस मामले में ईडी ने रौशन चंद्राकर को 15 मई 2024 को पूछताछ के बाद हिरासत में लेकर जेल दाखिल किया है. जेल में बंद रौशन चंद्राकर ने मेडिकल आधार पर नियमित जमानत दिए जाने आवेदन पेश किया था. आवेदन पर जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की अदालत में सुनवाई हुई. न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि अवैध वसूली करने एक मजबूत सिंडीकेट बनाया गया था.
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ED के रौशन चंद्राकर के खिलाफ पर्याप्त सबूत
इस संबंध में जांच एजेंसी के पास पर्याप्त साक्ष्य है. राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रौशन चंद्राकर के बीच वॉट्सऐप चैटिग को खंगाला. इसमें राइस मिलरों से कमीशन लेने और लेन-देन के इनपुट मिले हैं. वसूली के रैकेट में शामिल सिडीकेट द्बारा एमडी को मैसेज किया जाता था. उस आधार पर राइस मिलरों को भुगतान होता था. कोर्ट ने सभी दस्तावेजों की में पाया आवेदक और दूसरे के बीच मजबूत सांठगांठ का संकेत देने वाली सामग्री है. दस्तावेज़ और साक्ष्य जो आवेदक की संलिप्तता को दर्शाते हैं. आवेदक उक्त घोटाले का मुख्य साजिशकर्ता और लाभार्थी है. इस प्रकार, मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध रहा है. आवेदक के खिलाफ आरोप थे बेहद गंभीर है. अभियोजन पक्ष द्बारा प्रथम दृष्टया मनी ट्रेल स्थापित किया गया है. आवेदक को नियमित रूप से जमानत दिए जाने का आदेश उचित नहीं है. इसके साथ कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज किया है.
क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला?
बता दें कि ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है। आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई. इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं. अलग-अलग राइस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है. इस प्रकिया में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई. जांच में पता चला है कि एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर लेवी वसूलते और अफसरों को जानकारी देते. जिनसे रुपए नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता.