CG liquor Scam: 2000 करोड़ का घोटाला, आलीशान घर, लखमा को हर महीने 2 करोड़ का कमीशन, ED के वकील ने किये कई खुलासे
CG liquor Scam: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 7 दिनों की कस्टडी ED को दे दी गई है. इस बीच नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ED के वकील सौरव पांडे ने जानकारी दी है. कि कवासी लखमा को हर महीने शराब घोटाले में 2 करोड़ रुपए का कमीशन दिया जाता था.
कल कवासी लखमा की हुई गिरफ़्तारी
शराब घोटाले मामले में कल पूर्व मंत्री कवासी लखमा एक बार फिर ED दफ्तर थे. 4 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया. कवासी लखमा को गिरफ्तार करने के बाद मेडिकल के लिए जिला अस्पताल पंडरी ले जाया गया. जहां पर कोर्ट में पेशी होने से पहले पूर्व मंत्री का मेडिकल जांच कराया गया. मेडिकल करने के बाद सीधे कवासी लखमा को रायपुर कोर्ट में ED की विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां उन्हें 7 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया. ED 21 जनवरी तक कवासी लखमा से पूछताछ करेगी.
ED का खुलासा, हर महीने मिलता था 2 करोड़ का कमीशन
कवासी लखमा को 7 दिनों की कस्टडी ED को दे दी गई है. इस बीच नए-नए खुलासे हो रहे हैं. ED के वकील सौरव पांडे ने जानकारी दी है. कि कवासी लखमा को हर महीने शराब घोटाले में 2 करोड़ रुपए का कमीशन दिया जाता था.
करोड़ों का बना आलीशान बंगला
ED के वकील ने जानकारी दी कि, उस कमीशन के पैसे का उपयोग वह सुकमा में कांग्रेस भवन और घर के निर्माण करवाने में कर रहे थे. बता दें कि विधायक कॉलोनी पूर्व मंत्री कवासी लखमा का बंगला है, यहाँ एक स्क्वायर फीट की कीमत हजारों में है. वहीं 2500 से 3000 स्क्वायर फीट में घर बना है, इस घर में 8 से ज्यादा रूम है, ग्राउंड फ्लोर 2 रूम, किचेन, हॉल, बॉथरूम, मीटिंग रूम है. वहीं फर्स्ट फ्लोर में 4 बड़े रूम और एक बड़ा हॉल है. सेकंड फ्लोर 2 रूम और 1 हॉल है, नौकर के लिए भी बनवाया गया है. दीवारों पर महंगी टाइल्स के साथ डेकोरेट किया गया है. बस्तर के आर्ट वाले फर्नीचर्स भी मौजूद है. इसके अलावा मॉड्यूलर किचन का भी निर्माण करवाया गया हैं.
2000 से ज्यादा का घोटाला, इतने लोग शामिल
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ED ने FIR दर्ज कराई है. दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था. दावा है कि, साल 2019 से 2022 तक शराब दुकानों में अवैध शराब बेची गई है. इस अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया था.
इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है, लखमा के खिलाफ एक्शन की बात की जाए तो, ED की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था. इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है. जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमीशन मिला है और इसी के चलते कवासी को गिरफ्तार किया गया.