‘महाकुंभ की तर्ज पर दिल्ली में मनाया जाएगा छठ पर्व, यमुना के तट पर बनेगा नया जिला’; दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वादा

दिल्ली चुनाव के लिए ऐलान किया कि अगर उसकी पार्टी सरकार बनाती है तो छठ पूजा के लिए महाकुंभ की तरह विशेष इंतज़ाम करेगी. यमुना में लोकगायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर एक घाट बनाया जाएगा और इसे छठ महापर्व के लिए चिन्हित किया जाएगा.
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छठ पूजा के लिए महाकुंभ की तरह विशेष इंतज़ाम करेगी कांग्रेस पार्टी

Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) में कांग्रेस ने कुछ ऐसे चुनावी ऐलान किया है जिसकी ख़ास तौर पर चर्चा है. तमाम चर्चाओं में छठ पूजा के लिए महाकुंभ की तर्ज़ पर व्यवस्था बनाने का ऐलान सबसे प्रमुख है. गुरुवार को कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली चुनाव के लिए ऐलान किया कि अगर उसकी पार्टी सरकार बनाती है तो छठ पूजा के लिए महाकुंभ की तरह विशेष इंतज़ाम करेगी. यमुना में लोकगायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा के नाम पर एक घाट बनाया जाएगा और इसे छठ महापर्व के लिए चिन्हित किया जाएगा. इसी जगह पर महापर्व के दौरान अलग से एक जिला बनाया जाएगा.

गौरतलब है कि इस तरह के इंतज़ाम महाकुंभ के दौरान किया जाता है. हाल के दिनों में प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ की व्यवस्था दुरूस्त रखने के लिए अलग जिला और प्रशासनिक अमला तैनात किया गया है.

कांग्रेस की इस घोषणा को पूर्वांचली मतदाताओं को लुभाने के तौर पर देखा जा रहा है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में तकरीबन 27 विधानसभा सीटों पर यूपी-बिहार और ख़ास तौर पर पूर्वांचली मतदाताओं का दबदबा है. ऐसे में सभी पार्टियों के लिए यह वोट बैंक काफ़ी प्रोमिनेंट बना हुआ है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी भी दिल्ली में बसे इस क्षेत्र विशेष के लोगों के लिए कई लोक-लुभावन वादे कर रही हैं.

बहरहाल, कांग्रेस की कोशिश है कि वह किसी भी सूरत में दिल्ली के भीतर अपना पुराना जनाधार खड़ा करे. फ़िलहाल, बीते 10 सालों में पूर्वांचली मतदाता की वोटिंग साइकोलॉजी बड़ी ही गौर करने वाली रही है. अधिकांश पूर्वांचली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल और लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी का चेहरा देखकर वोट डालते रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस की कोशिश है कि वह ख़ुद को सांस्कृतिक पहचान के साथ जोड़कर इस तबके का विश्वास हासिल करे.

कांग्रेस शासित राज्यों की गारंटी

तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकारें हैं. पार्टी इन राज्यों में किए गए वादों के हवाले से दिल्ली की जनता का दिल जीतने की कोशिश कर रही है. गुरुवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने विशेष तौर पर दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वादे किए. दरअसल, कांग्रेस रेवंत रेड्डी का चेहरा एक गारंटी के तौर पर पेश कर रही है. जहां से यह साबित कर सके कि जो भी चुनावी वादे वह कर रही है, उसे पूरा भी कर रही है.

चुनावी घोषणा के दौरान रेवंत रेड्डी ने कहा, “दिल्ली में कांग्रेस की सरकार बनाइए, हम अपने वादे निभाकर दिखाएंगे. यह मैं इसलिए कह रहा हूं कि क्योंकि शीला दीक्षित जी ने 15 साल में दिल्ली में विकास करके दिखाया है.”

रेड्डी ने बीजेपी और AAP को निशाने पर लेते हुए झूठा करार दिया. उन्होंने कहा, “मोदी-केजरीवाल में कोई अंतर नहीं है, क्योंकि दोनों का काम सिर्फ झूठ बोलना है. दिल्ली की जनता ने मोदी और केजरीवाल को कई मौके दिए, लेकिन इन्होंने कोई काम नहीं किया. अगर दिल्ली के हालात सुधारने हैं तो बदलाव लाइए और कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाइए.” ग़ौरतलब है कि तेलंगाना की सरकार अभी तक चुनावी वादों को पूरा करने के दावा करती रही है. इसके अलावा कर्नाटक ने भी बड़े स्तर पर चुनावी वादों को पूरा करके दिखाया है. हिमाचल प्रदेश में कई चुनावी घोषणाएँ शर्तों की भेंट चढ़ी हुई हैं, जिसको लेकर काफ़ी आलोचना हो रही है.

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मुफ़्त की योजनाओं पर ज़ोर

चुनाव दर चुनाव मुफ़्त की योजनाएँ राजनीतिक दलों की जीत के लिए एक अहम टूल बनती जा रही हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहले ही मुफ़्त की योजनाओं की ढेर लगा रखी है. अब कांग्रेस ने भी 300 यूनिट बिजली मुफ़्त में देने का वादा किया है. साथ ही 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की बात कही है. इसके अलावा प्यारी दीदी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये, जीवन रक्षक योजना के तहत 25 लाख रुपये तक का इलाज फ़्री, युवा उड़ान योजना के तहत युवाओं को एक साल की अप्रेंटिसशिप और हर महीने साढ़े 8 हज़ार रुपये की देने का वादा शामिल है.

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