CG Local Body Election: निकाय चुनाव में इन 5 बड़े चेहरों का चला जादू, ‘शहर की सरकार’ में BJP के सिर पर बांधा ‘सेहरा’
CG Local Body Election: छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में BJP ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है. सभी 10 नगर निगमों के साथ-साथ नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों पर भी कब्जा किया है. इसके पीछे BJP के 5 बड़े चेहरे शामिल हैं, जिनका जादू निकाय चुनाव में चला है.
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव 2025
CG Local Body Election: छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव में BJP ने परचम फहरा दिया है. राज्य की 10 नगर निगमों पर ऐतिहासिक जीत. 49 नगर पालिका और 114 नगर पंचायतों पर भी अच्छा कब्जा जमाया है. BJP को जीत का सेहरा बंधवाने के पीछे 5 बड़े चेहरे शामिल हैं. साथ ही 5 बड़े फैक्टर, जिस कारण इतनी बड़ी जीत हासिल हुई.
निकाय चुनाव में चला 5 बड़े चेहरों का जादू
- सबसे पहले नाम आता है मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का, जिनके कारण नगरीय निकाय चुनाव में इतनी बड़ी जीत हासिल हुई है. मुख्यमंत्री ने अपनी कार्यकुशलता से सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल स्थापित करने में सफलता प्राप्त की. प्रदेश में एक साल से भाजपा की सरकार है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिस तरीके से मोदी की गारंटी को पूरा करने की दिशा में काम किया, किसानों को 2 साल का बकाया बोनस और धान की कीमत दी. उससे जनता ने BJP पर भरोसा जताया. मुख्यमंत्री की स्वामित्व छवि और भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही लगातार कार्रवाई ने लोगों को भाजपा के पक्ष में करने का काम किया.
- इस लिस्ट में दूसरा नाम भूपेंद्र सवन्नी का है, जिन्हें BJP ने नगरीय निकाय चुनाव का प्रभारी बनाया. एक बेहतरीन टीम के साथ भूपेंद्र सवन्नी ने न सिर्फ चुनाव का संचालन किया बल्कि प्रत्याशियों की जीत भी तय कराई.
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- तीसरे नंबर पर अमर अग्रवाल हैं. अमर अग्रवाल को भाजपा ने घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष बनाया. रमन सरकार में लगातार नगरीय प्रशासन मंत्री रहने के साथ अमर को शहरी क्षेत्र के मुद्दे और समस्याओं की पूरी जानकारी थी. उन्होंने प्रदेश भर से सलाह ली और एक बेहतरीन घोषणा पत्र तैयार किया, जिसका नाम अटल घोषणा पत्र दिया. हर नगर निगम के लिए अलग घोषणा पत्र तैयार करके भाजपा ने कांग्रेस से बढ़त बना ली थी.
- चौथा नाम विजय शंकर मिश्रा का है. भाजपा ने उन्हें लीगल सेल का प्रभारी बनाया. धमतरी में कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन को रद्द कराने और बिलासपुर में भाजपा प्रत्याशी के जाति के मामले को कोर्ट में जाने के बाद भी बचाने में विजय शंकर की महत्वपूर्ण भूमिका रही. इसके साथ ही नगर पंचायत और नगर पालिका में भी लीगल गतिविधियों को विजय शंकर और उनकी टीम ने बड़ी जिम्मेदारी के साथ निभाया.
- चुनाव लड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं संसाधन. बैनर-पोस्टर से लेकर प्रत्याशियों के खर्च तक का जिम्मा प्रदेश कोषाध्यक्ष नंदन जैन ने उठाया. नंदन ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में न सिर्फ दौरा किया बल्कि उम्मीदवारों से सीधा संवाद करके उनकी समस्याओं का समाधान भी किया.
BJP की जीत के 5 बड़े फैक्टर
- BJP ने पूरे चुनाव में पॉलिटिकल इंटेलिजेंस का सहारा लिया. मुख्यमंत्री ने अपनी कार्यकुशलता से सरकार और संगठन में बेहतर तालमेल स्थापित करने में सफलता प्राप्त की. स्थानीय स्तर पर मुद्दे, रोजाना अपडेट और वोट शेयर बढ़ाने की चिंता ने भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाया. भाजपा ने प्रदेश स्तर पर 200 लोगों की टीम बनाई, जो चुनाव की पल-पल की रिपोर्टिंग प्रदेश के नेताओं को दे रही थी. इसके साथ ही हर निकाय में एक केंद्र बनाया गया, जहां से फीडबैक लिया जा रहा था. जहां पार्टी के उम्मीदवार कमजोर पड़ रहे थे, वहां मजबूती के लिए टीम के सदस्यों को भेजा जा रहा था.
- भाजपा ने नई रणनीति के तहत स्थानीय प्रभावी चेहरों को उम्मीदवार बनाया. बात रायगढ़ नगर निगम की करें तो एक चाय बेचने वाले को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने न सिर्फ सबको चौंकाया, बल्कि उसे विजेता बनकर मेयर की चेयर पर बैठा दिया. पूरे प्रदेश में रायगढ़ के चाय बेचने वाले की चर्चा रही और भाजपा की चुनावी सभा में यह मुद्दा लगातार बड़े नेता उठाते रहे.
- भाजपा की जीत में एक बड़ा फैक्टर कांग्रेस का कमजोर मैनेजमेंट रहा. उम्मीदवार चयन में की गई चूक और कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी भी प्रभावी नजर आई. सभी नगर निगम में कांग्रेस कोई भी नया या चौंकाने वाला नाम नहीं दे पाई. खेमेबाजी के कारण कुछ युवाओं को मौका मिला तो विरोधी खेमा उन्हें निपटने में जुड़ गया. गुटबाजी के कारण रायपुर के चार वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी तक नहीं उतार सकी.
- कांग्रेस सरकार में नगर निगम नगर पालिका को फंड नहीं मिलना भी सबसे बड़ा मुद्दा था. इस मुद्दे को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भी कांग्रेस सरकार को घेरा था.
- महतारी वंदन योजना ने महिलाओं के वोटों को भाजपा के पाले में किया. यही कारण है कि भाजपा ने 10 नगर निगम में पांच पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. स्थानीय निकायों में कांग्रेस के कुशासन और भ्रष्टाचार को जनता ने आईना दिखाया.