दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय में मातृ भाषा और AI पर सेमिनार, भविष्य को लेकर हुई चर्चा
कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग
World Mother Language Day: दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय में आज विश्व मातृ भाषा दिवस के मौके पर एक खास सेमिनार हुआ, जिसका विषय था ‘आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और उच्च शिक्षा में मातृ भाषा की भूमिका’. इस सेमिनार में शहरीकरण और अंग्रेजी जैसी भाषाओं के बढ़ते प्रभाव के बीच मातृ भाषाओं को बचाए रखने पर चर्चा हुई.
किरण सलूजा ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाषा विशेषज्ञ प्रो. चांद किरण सलूजा ने की. उन्होंने बताया कि संस्कृत जैसी पुरानी भाषाओं का प्रभाव आज भी कई आधुनिक भाषाओं पर देखा जा सकता है. वहीं, दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. धनंजय जोशी ने कहा कि हर भाषा अपने समाज और संस्कृति की पहचान होती है, और AI की मदद से हम अपनी मातृ भाषाओं को बचा सकते हैं.
AI हमारी बहुभाषिक क्षमता को और बेहतर बना सकता है- विशाल तिवारी
वरिष्ठ पत्रकार विशाल तिवारी ने मातृ भाषा के साथ-साथ तकनीकी भाषाओं के महत्व को भी समझाया और बताया कि कैसे AI हमारी बहुभाषिक क्षमता को और बेहतर बना सकता है. राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद के महेश गुलानी और भारतीय शिक्षण मंडल के गणपति ने बताया कि चाहे समाज कितना भी बदल जाए, हम अपनी मातृ भाषाओं को बचाए रखने के तरीके खोज सकते हैं.
दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव राय ने सभी का धन्यवाद किया और कहा कि अब विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक भवनों के नाम भारतीय भाषाओं के नाम पर रखेगा. कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोनल छाबड़ा ने किया. इस सेमिनार ने यह साबित किया कि AI के जरिए हम अपनी मातृ भाषाओं को न सिर्फ बचा सकते हैं, बल्कि उनका विकास भी कर सकते हैं.
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