India: ‘बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों से दुर्व्यवहार…’, US खुफिया विभाग प्रमुख Tulsi Gabbard के बयान पर भड़की यूनुस सरकार
तुलसी गबार्ड
India: अमेरिका के राष्ट्रीय खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड 3 दिन तक चलने वाले रायसीना डायलॉग कार्यक्रम में शामिल होने भारत आई होनी हैं. सोमवार को तुलसी गबार्ड की मुलाकात केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलीं. इस दौरान दोनों लोगों के बीच SFJ को लेकर बात हुई. भारत ने अमेरिका में खालिस्तानी संगठन SFJ (सिख फॉर जस्टिस) द्वारा की जा रही भारत विरोधी गतिविधियों का मुद्दा उठाया. भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की और अमेरिकी प्रशासन से इस गैरकानूनी संगठन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा.
अब इसी बीच तुलसी गबार्ड का एक बयान भी सामने आया है जिससे बांग्लादेश सरकार भड़क गया है. दरअसल, उन्होंने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का लंबे समय से दुर्भाग्यपूर्ण उत्पीड़न, हत्या और दुर्व्यवहार अमेरिकी सरकार और राष्ट्रपति ट्रंप और उनके प्रशासन के लिए चिंता का विषय रहा है. उनके इस बयान पर अब बांग्लादेश भड़क गया है.
इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ US प्रेसिडेंट
भारत आई तुलसी गबार्ड ने कहा कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और उनकी हत्याओं के साथ देश में इस्लामिक आतंकियों का खतरा इस्लामी खलीफा के साथ शासन करने की विचारधारा में डूबा हुआ है. उन्होंने ये भी कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस्लामिक आतंकवाद से लड़ने और उसे हराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध और तैयार हैं.
गबार्ड ने आगे कहा- ‘इस्लामिक आतंकवादियों के खतरा और अन्य सभी आतंकवादी समूहों की कोशिश पूरे विश्व में एक ही विचारधारा और उद्देश्य के लिए है. ये एक इस्लामी खिलाफत के आधार पर ही पूरे विश्व पर शासन करने की इच्छा रखते हैं.’
देश पर लगाए गए बेतुके आरोप- यूनुस सरकार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की स्थिति पर आए गबार्ड के बयान पर बांग्लादेश सरकार ने आपत्ति जताई है. मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आपत्ति जताते हुए इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
बांग्लादेश की अंतरिम युनूस सरकार ने बयान जारी करते हुए गहरी चिंता जताई है. अंतरिम सरकार ने कहा- ‘हम तुलसी गबार्ड के टिप्पणियों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. उनका बयान पूरी तरह से भ्रामक और बांग्लादेश की छवि और उसकी प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाला है. एक ऐसा देश जिसकी पारंपरिक इस्लाम प्रथा समावेशी और शांतिपूर्ण रही है और जिसने उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में प्रगति की है.’
यूनुस सरकार ने आगे कहा- ‘गबार्ड का बयान पूरी तरह से बेतुका है. यह किसी ठोस सबूत पर आधारित न होकर सिर्फ बेतुका आरोप है, जिसने बांग्लादेश को आरोपों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. दुनिया में कई देश आज चरमपंथ का सामना कर रहे हैं. बांग्लादेश भी उन्हीं देशों में से एक है. लेकिन हम अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय समुदायों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और चरमपंथ के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं.’