‘मेरी सारी समस्या का समाधान मौत है…’, NIT के छात्र ने ट्रेन के आगे लगाई छलांग, पिता के नाम लिखी चिट्ठी
बीमारी से तंग आकर पटना NIT के छात्र ने किया सुसाइड
Patna News: NIT पटना के छठे सेमेस्टर के छात्र प्रशांत पाल ने शनिवार देर रात सुसाइड कर लिया. प्रशांत बीटेक का छात्र था. वह एक गंभीर बीमारी “हाइपरहाइड्रोसिस” से लंबे समय से जूझ रहा था. जिस कारण छात्र ने सुसाइड कर लिया. छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें उसने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है. पाल यूपी के शाहजहांपुर का रहने वाला था. घटना के बाद प्रशांत के परिवार वालों को सूचना दे दी गई.
डिप्रेशन में था प्रशांत
NIT पटना में पढ़ने वाले छात्रों ने कहा कि, कुछ दिन पहले से ही उसकी हालत खराब थी और वह डिप्रेशन में था. पटना पुलिस ने मृतक के परिवार वालों को सूचना दे दी है. परिवार आने के बाद ही किसी भी तरह की कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को प्रशांत पाल के हॉस्टल के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई हैं.
पिता के नाम बेटे की आखिरी चिट्ठी
लंबे समसमय से ‘हाइपरहाइड्रोसिस’ बीमारी से जूझ रहे प्रशांत पाल ने सुसाइड से पहले अपने पिता के नाम अपनी आखिरी चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में पाल ने लिखा- ‘मेरी सारी समस्या और बीमारी का समाधान मौत है.’ दो पन्नों के इस लेटर में पाल ने अपने दर्द को बयां किया है. उसने लेटर में कहा है कि उसकी नींद, पढ़ाई और भविष्य सब इस बीमारी की वजह से बर्बाद हो चुके हैं. उसने ये भी लिखा कि वह मिड सेमेस्टर से ही खुद को खत्म करने का निर्णय ले चुका था, लेकिन होली पर अपने परिवार को एक बार फिर देखना चाहता था. अपने लेटर में उसने अपने पिता को ‘दुनिया का सबसे बेस्ट पापा’ बताया है. उसने आगे लिखा- ‘भविष्य में घर में किसी का नाम ‘प्रशांत’ न रखा जाए.’
क्या है ‘हाइपरहाइड्रोसिस’?
‘हाइपरहाइड्रोसिस’ एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को हाथ-पैरों में सामान्य से ज्यादा पसीना आता है. इसमें जलन और दर्द की स्थिति बनी रहती है. जो आमतौर पर गर्मी या व्यायाम से संबंधित नहीं होता है. इसका कोई चिकित्सीय कारण नहीं है. यह बीमारी जेनेटिक हो सकती है.
इस बीमारी से कैसे पा सकते हैं छुटकारा?
‘हाइपरहाइड्रोसिस’ के इलाज को लेकर कई ऑप्शन अवेलेबल है. जिसमें एंटीपर्सपिरेंट दवाएं और सर्जरी शामिल हैं. हल्के मामलों के लिए एंटीपर्सपिरेंट या रहन-सहन में बदलाव किया जा सकता है. यह बीमारी इलाज से धीरे-धीरे ठीक हो सकती है. इसके इलाज में एक लंबा प्रोसेस लगता है.
पसीने को ऐसे करें कंट्रोल
गुलाब जल- गुलाब जल की तासीर ठंडी होती है. ज्यादा पसीना आने पर, त्वचा पर गुलाब जल लगा सकते हैं. ‘हाइपरहाइड्रोसिस’ का इलाज करने के लिए, पानी में गुलाब जल मिलाएं. इस पानी में हाथ और पैर रखने से, पसीना कम आएगा. कॉटन की मदद से भी, गुलाब जल को त्वचा पर अप्लाई कर सकते हैं. पसीने के कारण आने वाली बदबू को दूर करने के लिए भी, गुलाब जल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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नींबू के रस- हथेली और तलवों में ज्यादा पसीना आने पर नींबू का इस्तेमाल करें. नींबू की मदद से शरीर की बदबू और ज्यादा पसीना आने की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है. पानी में नींबू का रस मिलाकर नहाएं. नींबू के छिलकों को हथेली और तलवों पर रगड़ें. नींबू के रस को सूखने दें, फिर पानी से साफ कर लें. इस उपाय को दिन में 2 बार आजमां सकते हैं.
डिहाइड्रेशन से बचें- ज्यादा पसीना आने की समस्या से बचने के लिए, अपनी डाइट में ऐसे फलों को शामिल करें, जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो. जैसे खरबूजा, स्ट्रॉबेरी, खीरा आदि का सेवन कर सकते हैं. गर्मियों में तरबूज का सेवन करना फायदेमंद माना जाता है. तरबूज में करीब 92 प्रतिशत पानी मौजूद होता है. ज्यादा पसीना आता है, तो शरबत, चॉकलेट, तला और मसालेदार भोजन को खाने से बचना चाहिए.