Kashmir Tourism: पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर को झटका, 12,000 करोड़ के पर्यटन उद्योग पर मंडराया खतरा, लोग कैंसिल करा रहे बुकिंग
पहलगाम आतंकी हमले का कश्मीर के पर्यटन पर बुरा असर
Kashmir Tourism: कश्मीर के हील स्टेशन पहलगाम में मंगलवार, 22 अप्रैल को आतंकियों ने बड़ा हमला किया. इस हमले में अब तक 27 लोगों की मौत हो गई है. आतंकियों का ये हमला टुरिस्टों पर हुआ है. आतंकियों का ये हमला केवल कश्मीर घूमने आए टूरिस्टों पर नहीं हुआ है, ये हमला कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर हुआ है. इसके साथ ही कश्मीर के 2.5 लाख कश्मीरियों के पेट पर सीधा हमला हुआ है.
इस आतंकी हमले के बाद अब न सिर्फ कश्मीर की आर्थिक तरक्की पर ब्रेक लगेगा बल्कि लाखों कश्मीरियों की रोजी-रोटी पर भी संकट पैदा हो जाएगा. कश्मीर पर इस आतंकवादी घटना का असर अभी से ही दिखने लगा है.
पर्यटकों ने की बुकिंग कैंसिल
पहलगाम हमले ने न सिर्फ सैलानियों के भरोसे को तोड़ा है, बल्कि घाटी की आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन उद्योग को भी गहरे संकट में डाल दिया है. हर गोली जो किसी पर्यटक पर चली, उसने कश्मीर की अर्थव्यवस्था को कई साल पीछे धकेल दिया है. सैलानियों पर हुए आतंकी हमले का असर दिखना शुरू हो गया है. इस हमले के बाद जिन लोगों ने कश्मीर घूमने के लिए फ्लाइट की टिकट बुक कराई थी, उन्होंने धड़ाधड़ टिकट कैंसिल कराना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, कश्मीर में बड़े पैमाने पर होटलों और कैब की बुकिंग कैंसिल हो रही है.
12 हजार करोड़ के पर्यटन को झटका
कश्मीर पर हुए आंतकी हमलों ने कई मासूम और निर्दोष लोगों की जान ले ली. कश्मीर का सालाना पर्यटन उद्योग 12,000 करोड़ रुपये का है. एक अनुमान के मुताबिक, साल 2030 तक ये उद्योग बढ़कर 25,000 करोड़ से 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने वाला था. राज्य की कुल GDP में कश्मीर के पर्यटन की 7-8 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. पहलगाम को भारत का ‘स्विटजरलैंड’ कहा जाता है. यह हमला ऐसे समय में हुआ जब गर्मी से त्रस्त लोग कश्मीर की अलग-अलग जगह घूमने जाते हैं.
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कश्मीर में रोजी-रोटी पर खतरा
कश्मीर में सिर्फ पर्यटन से 2.5 लाख से अधिक लोगों का रोजगार चलता है. इसी से उनके परिवार की रोजी-रोटी चलती है. इस हमले के बाद इन सभी 2.5 लाख लोगों की रोजी-रोटी खतरे में आ गई है. साथ ही कश्मीर में कई छोटे और बड़े होटल हैं, जिनमें 3000 से भी अधिक कमरे हैं. इस हमले से अब यहां की होटल इंडस्ट्री पर भी बुरा असर पड़ रहा है. होटलों में काम करने वाले लोगों का रोजगार भी पर भी असर होगा. इतना ही नहीं, सिर्फ डल झील में 1500 से ज्यादा हाउस बोट चलती हैं, जिससे हजारों लोग समय पर दो वक्त की रोटी खाते हैं, जिससे उनके रोजगार को भी खतरा आ गया है.