Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के इन संभागों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड बैंक नहीं! इमरजेंसी वाले मरीजों को दूसरे अस्पताल भेजना मजबूरी
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, रायपुर और अंबिकापुर सहित संभाग के 40 से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लड बैंक की सुविधाएं वर्षों बाद शुरू नहीं हो पाई हैं. इसके चलते इमरजेंसी वाले मरीजों को जिला अस्पताल या सिम्स भेजना डॉक्टरों की मजबूरी है. सबसे ज्यादा तकलीफ उन प्रसूताओं को होती है, जो डिलिवरी की मंशा से सरकारी हैल्थ सेंटरों पर पहुंचती हैं. लेकिन उन्हें दूसरा अस्पताल रेफर होना पड़ता है. उनकी समस्याएं आज तक जस की तस है.
बिलासपुर, रायपुर और अंबिकापुर संभाग के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लड बैंक नहीं
दरअसल बिलासपुर जिले में पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं. इनमें तखतपुर, बिल्हा, मस्तूरी, कोटा और रतनपुर शामिल है. कहने को यहां डिलिवरी, नेत्र रोग और सुरक्षित प्रसव की सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन मौके पर ब्लड बैंक जैसी अहम सुविधा मौजूद नहीं होने के कारण डॉक्टरों को ऐसे मरीजों का उपचार करने में दिक्कत होती है. जीवनदीप समितियों के अधीन संचालित इन स्वास्थ्य केंद्रों पर यह सुविधाएं होनी जरूरी है. इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. यही वजह है कि यहां ब्लड बैंक की सुविधा नियमों में होने के बाद शुरू नहीं हो पा रही है. इसके चलते सिम्स और जिला अस्पताल में मरीजों को लोड बढ़ता जा रहा है. हर महीने ऐसे हैल्थ केंद्रों से 50 मरीजों को शहर के सरकारी अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है.
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पैथोलॉजिस्ट की भर्ती नहीं होना बड़ा कारण
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी बताते हैं कि ब्लड बैंक संचालित करने में सबसे ज्यादा भूमिका पैथोलॉजिस्ट और टेक्नीशियन की होती है. ड्रग कोल्ड चेन मेंटेन करना और ब्लड बैंक के नियमों का पालन करना इसके लिए जरूरी है. प्राथमिक तौर पर स्वास्थ्य विभाग के पास पैथोलाॅजिस्ट और टेक्नीशियन की कमी बरकरार है. इस वजह से फिलहाल इसकी सुविधा शुरू नहीं हो पा रही.
बिल्हा में दस साल पहले घोषणा, लेकिन आज बंद
बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सबसे आदर्श हैल्थ केंद्र माना जाता है. यहां बाकी स्वास्थ्य केंद्रों से ज्यादा सुविधाएं हैं, लेकिन ब्लड बैंक नहीं है. दस साल पहले यहां एक ब्लड बैंक की शुरुआत हुई थी. उसे भी बंद कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि वहां टेक्नीशन के भरोसे इसे संचालित करने की योजना थी. लेकिन ब्लड बैंक के प्रोटोकाल मेंटेंन करना स्वास्थ्य अधिकारियों के बस में नहीं था. यही वजह है कि इसे बंद कर दिया गया.
इन केंद्रों में भी समस्याएं
जिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ब्लड बैंक की सुविधा नहीं है उनमें बिलासपुर, रायपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर के कई हैल्थ सेंटर शामिल हैं. खासतौर पर अकलतरा, नरियरा, कोटा, बिल्हा, पथरिया, बेरला ऐसे केंद्र हैं, जहां इसकी जरूरत है. बिलासपुर जिले के 44 उपकेंद्रों पर भी इसकी सुविधाएं शुरू नहीं हो पाई है. परफामेंस ऑडिट में भी कई बार यहां ब्लड बैंक नहीं होने पर आपत्ति जताई गई है, फिर भी सबकुछ जस का तस है.