फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले में लोकल सपोर्ट की बात कही, महबूबा मुफ्ती बोलीं- ये बयान कश्मीरियों के लिए खतरा

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, 'पहलगाम आतंकी हमले में कश्मीरियों को शामिल करने वाला फारूक साहब का बयान बेहद दुखद है. एक वरिष्ठ नेता और कश्मीरी होने के नाते उनका ये बयान बांटने वाले बयानों को और बढ़ावा देगा. जिससे कुछ मीडियो चैनलों को भी कश्मीरियों और मुसलमानों को टारगेट करने का मौका मिल जाएगा.
Farooq Abdullah and Mehbooba Mufti

फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती

Farooq Abdulla: पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि इस हमले में लोकल सपोर्ट था. फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि बिना लोकल सपोर्ट के इस तरह की घटना को अंजाम दिया जा सकता था.’

वहीं फारूक अब्दुल्ला के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने आपत्ति जताई है. उन्होंने एक्स पर ट्वीट करके लिखा कि फारूक अब्दुल्ला का ये बयान देश की अन्य जगहों पर रह रहे कश्मीरियों के लिए खतरा बन जाएगा.

‘कश्मीरी होने के नाते ऐसे बयान खतरनाक हैं’

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, ‘पहलगाम आतंकी हमले में कश्मीरियों को शामिल करने वाला फारूक साहब का बयान बेहद दुखद है. एक वरिष्ठ नेता और कश्मीरी होने के नाते उनका ये बयान बांटने वाले बयानों को और बढ़ावा देगा. जिससे कुछ मीडियो चैनलों को भी कश्मीरियों और मुसलमानों को टारगेट करने का मौका मिल जाएगा. उनका ये बयान ऐसे समय में आया है, जब जम्मू-कश्मीर के छात्र और व्यापारी पहले से ही असुरक्षा और हमले का सामना कर रहे हैं. हमको तो हिमांशी नरवाल से प्रेरणा लेना चाहिए, जिन्होंने अपने पति की शहादत के बावजूद कश्मीरियों और मुसलमानों को दोष ना देने के लिए अपील की है.’

ये भी पढ़ें: गुना में बंधुआ मजदूरी, 16 लेबर्स का रेस्क्यू किया गया; कमजोरी के कारण चल भी नहीं पा रहे थे

सैयद आदिल हुसैन के घर पहुंचे फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला शनिवार को पहलगाम हमले के मारे गए सैयद आदिल हुसैन शाह के घर पहुंचे. उन्होंने आदिल के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने पहलगाम हमला किया है, उन्होंने मानवता की हत्या की है. उनके लिए नरक के दरवाजे खुले हैं.’

फारूक ने आगे कहा, ‘पहलगाम हमले में मौलाना मसूद अजहर का हाथ हो सकता है. 1999 में मैंने कहा था कि मसूद अजहर को मत छोड़िए, लेकिन किसी ने मेरी बात नहीं मानी. अजहर कश्मीर को जानता है और उसने अपने रास्ते बना रखे हैं.’

ज़रूर पढ़ें